देहरादून- सफलता और असफलता माएने नहीं ऱखती, संकल्प, ईमानदारी और पू्र्णमनोयोग से किए गए प्रयास माएने रखते हैं। यही काम की कसौटी भी है। ये बात राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने राज्य के छात्र-छात्राओं से कही। वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य की नई नस्ल से रू-ब-रू हुए छात्रों ने सीएम के सामने सरकार से जुड़ी कई जिज्ञासाएं प्रकट की। सीएम रावत ने हर जिज्ञासा को शांत करने का पूरा प्रयास किया।
गौरतलब है कि राज्य के अब तक के इतिहास में पहली बार कोई मुख्यमंत्री छात्र-छात्राओं से रू-ब-रू हुआ है। पहल स्वागत योग्य है क्योंकि इसी नई नस्ल की कामयाबी और संस्कारों को लिए जद्दोजहद हो रही है। पौध से पेड़ बनने की कगार पर खड़ी और मोबाइल की आभासी दुनिया में दाखिल नई पीढ़ी को वाकई में जरूरत है दिशा निर्देशन की।
बहरहाल सीएम ने छात्रों को बताया कि उनकी सरकार क्या और कैसे कर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर चलना रावत ने अपनी सरकार का सबसे बड़ा फैसला बताया। सीएम ने छात्रों से अपनी सरकार के सकंल्पों के बारे में बाताया कि उनकी सरकार राज्य के पर्वतीय हिस्से में प्रतिव्यक्ति आय बढ़ाने के लिए कोशिश कर रही है। बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए सरकार गंभीर है। पानी जीवन का आधार है उसे बचाने के लिए सरकार जुटी हुई है। सीएम ने नई नस्ल को समझाते हुए कहा कि अब सोचने का और चर्चा करने का वक्त नहीं है अब एक्शन लेने का समय है। सरकार ईमानदारी से हर काम कर रही है।
तय है कि भारत छोड़ों आंदोलन की हीरक जंयती के अवसर पर जो छात्र सीएम त्रिवेंद्र रावत से रू-ब-रू हुए हैं उनमे से अधिकांश नवीं से लेकर बारहवीं दर्जे में पढ़ने वाले साल 2022 तक मतदाता बन जाएंगे। सीएम ने सही सबक सिखाया होगा तो तय है कि 2022 मे फिर से जलवा कायम रहेगा।