नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में संदिग्ध गतिविधियां
फंदों में फंस कर मरी 50 से ज्यादा बकरियां
बकरीपालकों ने की मुआवजे की मांग
चमोली – जिले के नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में संदिग्ध गतिविधियां जारी हैं। जंगली जानवरों के तस्कर सक्रिय हैं जबकि पार्क को महफूज रखने का दावा करना वाला पार्क प्रशासन या तो बेखबर है या फिर वो गांधारी बना बैठा है। दरअसल इस आरोप की पुख्ता वजह है जोशीमठ के दयारा सैंण तोक में जंगली जानवरों को मारने के लिए लगाए गए फंदों में फंसकर 50 से अधिक बकरियों की मौत का हो जाना।
गौरतलब है कि जोशीमठ के नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में प्रतिवर्ष पालसी बकरियों को चराने जाते हैं। इस वर्ष भी ग्राम करछों के दयाली सैरा तोक में विकासखंड घाट निवासी पालसी बकरी चराने गए थे। लेकिंन यहां जानवरों को फंसाने के लिए लगाए गए फंदों में फंसकर उनकी 50 से अधिक बकरियाें की मौत हो गई है। जिसकी लिखित सूचना उन्होंने पार्क प्रशासन, जंगलात महकमे और स्थानीय तहसील प्रशासन को मुआवजे की मांग के साथ दे दी है।
बकरी पालकों की ओर से लिखित शिकायत में पार्क प्रशासन को सतर्क करते हुए बताया गया है कि पार्क की सरहद के भीतर उन्होंने जंगल में एक टेंट भी लगा देखा और जिन फंदों में फंसकर उनकी बकरियों की मौत हुई थी उनके पास दुर्लभ कस्तूरा मृग के बाल भी देखे थे। पार्क के भीतर फंदों में फंस कर मरी बकरियां लमसोड़ा निवासी शंभू प्रसाद सती, लूंतरा निवासी गिरीश सिंह बिष्ट, जितेन्द्र बिष्ट, और परगना निवासी महेन्द्र सिंह फर्स्वाण और सबरी लाल की हैं।