रामनगर- उत्तराखंड में गुदड़ी के लालों की कोई कमी नहीं है। परिवार के माली हालात जैसे भी रहे हों गुदड़ी को लालों ने अपने माता-पिता की हसरतों को अपनी मेहनत से पंख दिए हैं।
नैनीताल जिले में रामनगर के खताड़ी मोहल्ले के निवासी और ठेले पर सब्जी बेचने वाले फिदा हुसैन के बेटे जीशान अंसारी के हुनर पर आज देश के मशहूर प्रोफेशनल फुटबाल क्लब फिदा हैं।
सूबे का फुटबाल खिलाड़ी जीशान अंसारी के फुटबाल खेलने के हुनर को बंगलुरू एफसी के बाद अब इंडियन सुपर लीग की टीम दिल्ली डायनामोस ने भी अपने साथ जोड़ने की कवायद की है।
तारीफ की बात तो ये है कि रामनगर में ठेली पर सब्जी बेचने वाले फिदा हुसैन का भी पहला शौक फुटबाल था, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारी के कारण जीशान के पिता का खेल स्थानीय स्तर से आगे नहीं बढ़ा। पिता की हसरत थी कि जीशान उम्दा किस्म का फुटबाल खिलाड़ी बने। ऐसे में अपने पिता के अरमान को पूरा करने के लिए जीसान ने करीब सात साल की उम्र में पहली बार फुटबाल खेलना शुरू किया।
जीशान के भीतर छुपे खेल के हुनर को शुरुआत में मोहल्ले के कोच ने तराशा उसके बाद हल्द्वानी स्पोर्टस हॉस्टल के लिए जीशान ट्रायल दिया। सलैक्शन हुआ और उसके बाद जीशान के कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मौजूदा वक्त में हल्द्वानी हॉस्टल में जीशान फुटबाल कोच सुनील कुमार से फुटबाल की बाकी बची बारीकियां सीख रहा है।
जीशान के कोच सुनील कुमार ने बताया कि जीशान मिडफील्डर है, लेकिन वह किसी भी पोजीशन में खेल सकता है। उसकी काबिलियत को देखते हुए दिल्ली डायनामोस की टीम ने भी जीशान से संपर्क किया है। आने वाली 28 मई को दिल्ली में जीशान का ट्रायल होना है। महात्मा गांधी इंटर कालेज से 12वीं की पढ़ाई कर रहे जीशान अभी तक 2 फेडरेशन और 3 स्कूल नेशनल टूर्नामेंट खेल चुके हैं।
दिल्ली डायनामोस से पहले बंगलुरू एफसी भी जीशान को अपने साथ जोड़ने के लिए संपर्क कर चुकी है। जबकि जून में क्लब जीशान से संपर्क कर सकता है। शाबाश जीसान शाबाश! तुम्हारी मेहनत रंग लाए। khabaruttarakhand.comतुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामना करता है।