उत्तराखंड के अर्थ और संख्या निदेशालय ने उत्तराखंड आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। इस सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य की विकास दर में 6.77 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है जबकि भारत की विकास दर 6.6 फीसदी अनुमानित है। वहीं उत्तराखंड की विकास दर में साल 2016-17 में 6.95 फीसदी की वृद्धि आंकी गई है। यानी इस बार राज्य की विकास कम रहने की उम्मीद है।
साल 2017-18 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1,77,356 रुपए रहने की उम्मीद है। साल 2016-17 में ये 1,61,102 रुपए थी। यानी इस साल राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 16254 रुपए का इजाफा हो सकता है।
राज्य के 13 जिलों में प्रति व्यक्ति आय अलग अलग जिलों में अलग है। हरिद्वार में ये सबसे अधिक 2,54,050 रुपए आंकी गई है जबकि रुद्रप्रयाग प्रति व्यक्ति आय में सबसे नीचे है। यहां ये आंकड़ा 83,521 रुपए है। ये राज्य की प्रति व्यक्ति आय में बड़े अंतर को साबित करता है।
साल 2018 में राज्य का राजकोषीय घाटा भी बढ़ने की उम्मीद है। साल 2016-17 में 2.31 फीसदी की तुलना में राजकोषीय घाटा साल 2017-18 में 2.51 फीसदी रहने का अनुमान है।
वहीं राज्य में जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का टैक्स कलेक्शन पिछले साल की तुलना में कम हो गया है। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात की उम्मीद जताई गई है कि आने वाले समय में ये ठीक हो जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण में राज्य को एक्सपोर्टिंग स्टेट के तौर पर बताया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात की आशंका जताई गई है कि ‘कल बहुत देर हो सकती है’। दरअसल 14वें वित्त आयोग के हवाले से लिखी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमालय और उसकी गोद में बसे 11 राज्य देश की आत्मा हैं। इसे संजोने की जरूरत है बचाने की जरूरत है औऱ इस संबंध में शुरुआत आज ही करनी होगी क्योंकि कल बहुत देर हो सकती है।
इस चैप्टर में हालांकि उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा या अधिक संसाधनों की मांग नहीं की गई है लेकिन हिमालय संरक्षण के लिए पूरे देश को साथ आने की अपील जरूर की गई है। इसके साथ ही राज्य के कई पहलुओं पर इस सर्वेक्षण में विस्तार से चर्चा की गई है।