देहरादून- बीते दिनों उत्तराखंड के देहरादून निवासी दीपक नैनवाल देश के लिए शहीद हो गए थे. दीपक नैनवाल के मौत के गम से उत्तराखंड के लोग उभरे नहीं थे कि एक और उत्तराखंड का सपूत और सेना में कैप्टन रक्षित भैसोड़ा की मौत की खबर ने सबको चौंका दिया. रक्षित सिर्फ 23 साल के थे.
कार हुई अनियंत्रित, सड़क हादसे में मौत
दरअसल बुधवार रात जम्मू में कैप्टन रक्षित अपने एक दोस्त के साथ कार से सफर कर रहे थे। बताया जा रहा है कि करीब पौने एक बजे कार अनियंत्रित हो गई। हादसे में गंभीर रूप से घायल रक्षित और उसके दोस्त को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान रक्षित की मौत हो गई, जबकि उसके साथी की हालत नाजुक बनी हुई है।
चित्रशिला घाट में सैनिक सम्मान के साथ रक्षित को अंतिम विदाई
गुरुवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे सैन्य अधिकारियों ने ये जानकारी कैप्टन रक्षित के परिजनों को दी। इकलौते बेटे के जाने के दुख में पूरे परिवार में मातम छाया है. परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे. शुक्रवार सुबह जम्मू से उनका शव हल्द्वानी लाया गया। जिसके बाद चित्रशिला घाट में सैनिक सम्मान के साथ रक्षित को अंतिम विदाई दी गई। बेटे की मौत की खबर जिस किसी ने सुनी उसका दिनाग सुन्न रह गया. जवान बेटे की अर्थी जब घर आई तो मां, बहन और पिता फूट-फूटकर रोने लगे.
बेटे के मौत की खबर से घर और आस-पास मचा कोहराम
वहीं इकलौते बेटे के मौत की खबर जब घरवालों को पहुंची तो कोहराम मच गया। कैप्टन रक्षित भैसोड़ा जिनकी उम्र सिर्फ 23 साल थी। मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के ग्राम भैसाड़ी, बिनखोला, ध्याड़ी से ताल्लुक रखते हैं कैप्टेन रक्षित भैसोड़ा। उनके पिता नंदन सिंह भैसोड़ा राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं। दुख इस बात का है कि रक्षित अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। नंदन सिंह फिलहाल अपनी पत्नी और छोटी बेटी के साथ किराये के मकान में रह रहे हैं। 2012 में रक्षित भैसोड़ा का सलेक्शन एनडीए में हुआ और फिलहाल वो 21 जाट रेजीमेंट में कैप्टन के पद पर तैनात थे।
2012 में रक्षित ने एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण की, IMA से ट्रेनिंग
आपको बता दें रक्षित बचपन से ही मेधावी थे। 5 वीं कक्षा के बाद उनका सलेक्शन सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में हो गया। 2012 में रक्षित ने एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद देहरादून के आइएमए में रक्षित ने सैन्य अफसर की ट्रेनिंग की।
2016 में POP के बाद रक्षित ने 21 जाट रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट के पर की थी ज्वॉइनिंग
2016 में पासिंग परेड के बाद रक्षित ने 21 जाट रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट के पर ज्वॉइन किया था। कैप्टन रक्षित भैसोड़ा का परिवार कई साल तक नैनीताल के स्टेलने कंपाउंड में किराये पर रहा। पिता नंदन सिंह ने भैसाड़ा ने हल्द्वानी के पास जय दुर्गा कॉलोनी में जमीन खरीदी। जमीन पर मकाने बनाने का काम चल रहा था। सोचा था कि बेटा अब कामयाब हुआ है तो अपने जीवन की जमा पूंजी मकान पर लगाई जाए। परिवार जमीन के पास ही किराये का मकान लेकर रह रहा था।