किच्छा (मोहम्मद यासीन) : उधम सिंह नगर के किच्छा स्थित ग्राम गऊघाट कठर्रा. राजकीय प्राथमिक विद्यालय परिसर का जलभराव छात्र-छात्राओं के लिए मुसीबत का सबब बन गया है लेकिन समझना मुश्किल है कि स्कूल में तालाब भर गया है या तालाब में स्कूल खोल दिया गया.
स्कूल के कैंपस से लेकर बरामदे और कमरों तक पानी ही पानी
स्कूल के कैंपस से लेकर बरामदे और कमरों तक में पानी भरा है. स्कूलों में बच्चे और स्टाफ की जान जोख़िम में है. लेकिन देवभूमि में मूलभूत सुविधाओं से वंचित सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छुपी भी तो नहीं है। जिन बच्चों के ऊपर देश का भविष्य टिका हुआ है, उसी जिले से सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे आते हैं उसी जिले जिला मुख्यालय से महज 30 किमी दूर किच्छा के ग्राम गऊघाट कठर्रा. राजकीय प्राथमिक विद्यालय है.
बच्चे मजबूर
लगातार हो रही भारी वर्षा के बीच कठर्रा गऊघाट प्राथमिक विद्यालय पानी-पानी हो गया। पानी के बीच से बच्चों को अपनी कक्षाओं में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह हालत कोई पहली बार नहीं हुए हर वर्ष बच्चे बारिश के दिनों में इसी तरह पानी के बीच से होकर कक्षाओं तक पहुंचने को मजबूर होते हैं।
शिक्षा विभाग को नहीं कोई सरोकार, कर रहा अनहोनी का इंतजार
ग्राम गऊघाट कठर्रा के प्राथमिक विद्यालय की दशा यह है कि वहां पूरे परिसर में पानी भरा पड़ा है। पिछले 3 दिन से लगातार हो रही भारी बारिश के बीच स्कूल परिसर में पानी भर गया है। अंदर जाने के लिए भी बच्चों को पानी के बीच से ही होकर गुजरना पड़ता है। लेकिन लगातार हो रही बारिश का सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पढ़ रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग को इसका कोई सरोकार नहीं। परेशानी से मुंह मोड़ शिक्षा विभाग मानों किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है।
ग्राम स्थित विद्यालय में समस्याओं का लगा अम्बार
राज्य सरकार द्वारा देश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने व बच्चों के उज्जवल भविष्य को लेकर बड़े-बड़े वायदे व दावे किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर ग्राम स्थित विद्यालय में समस्याओं का अम्बार लगा है जिसका समाधान होता नजर नहीं आ रहा है। सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की बात लगातार राज्य सरकार द्वारा की जा रही है वहीं शिक्षा विभाग सरकारी विद्यालयों की स्थिति को लेकर कतई चिंतित नहीं लगता। पुराने खण्डहरनुमा भवन में बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में कभी भी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। विद्यालयों की बिगड़ती दशा को देखते हुए तो लगता है कि शिक्षा विभाग किसी हादसे का इन्तजार कर रहा है
मलेरिया जैसे कई गंभीर बिमारियों का खतरा, मंत्री अपने ठाट-बाट वाली जिंदगी में व्यस्त
विद्यालय में जलभराव की समस्या से उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। विभाग द्वारा जो भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे उसका पालन करवाया जाएगा। इस पानी से बच्चों को मलेरिया जैसे कई गंभीर बिमारियों का खतरा भी मंडरा रहा है लेकिन सरकार के मंत्री अपने ठाट-बाट वाली जिंदगी से फुरसत मिले तो ही इनकी तरफ ध्यान दे.
बेहतर शिक्षा और सब पढ़ें सब बढ़ें का दावा करने वाली सरकार और शिक्षा मंत्री आखिर इस स्कूल के खस्ता हाल पर क्या कदम उठाते हैं ये देखने वाली बात होगी