देहरादून: सीबीआइ ने रिश्वतखोरी के आरोप में उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, गदरपुर के सहायक प्रबंधक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि किसान को डेयरी लोन की रकम रिलीज कराने के एवज में आरोपित ने दस हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। सीबीआइ ने आरोपित के घर और दफ्तर में छापेमारी कर जरूरी दस्तावेज भी कब्जे में ले लिए हैं। उसे बुधवार को सीबीआइ कोर्ट में पेश किया जाएगा।
लोन पास करने के लिए कर रहे थे टालमटोल, मांगे 20 हजार रुपये
गदरपुर (उधमसिंह नगर) क्षेत्र के गाडा माजरा निवासी रूपचंद ने डेयरी संचालन को उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से 2.40 लाख रुपये का लोन लिया था। लोन पास होने के बाद यह रकम रूपचंद के खाते में ट्रांसफर होनी थी। मगर 15 दिनों से बैंक के सहायक प्रबंधक विपिन चंद आर्य टालमटोल कर रहे थे। इस मामले में रूपचंद ने कारण जानना चाहा तो पता चला कि इसके एवज में वह 20 हजार रुपये की रिश्वत चाहते हैं।
10 हजार में हुआ सौदा, रूपचंद ने सीबीआइ की दून शाखा को दी सूचना
बाद में सौदा 10 हजार रुपये में तय हुआ। इससे पहले रूपचंद ने सीबीआइ की दून शाखा को भी सूचना दे दी थी। यह रकम मंगलवार को देनी तय हुई। इसी सूचना पर दून से सीबीआइ की टीम भी गदरपुर पहुंची। इससे पहले कि आरोपित रिश्वत की रकम लेता कि सीबीआइ ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
टीम में थे ये-ये शामिल
सीबीआइ की टीम में शामिल इंस्पेक्टर सुनीत कुमार, प्रशांत कांडपाल, मानवेंद्र, सुनील लखेड़ा, सब इंस्पेक्टर हंसराज, हरीश आदि ने आरोपित से प्रकरण को लेकर पूछताछ की। पूछताछ में आरोपित से सीबीआइ टीम को कई अहम जानकारी मिली। इसके बाद टीम ने आरोपित के गदरपुर में आवास विकास स्थित आवास और दफ्तर में छापेमारी की। इस दौरान टीम को अहम दस्तावेज मिले हैं। सीबीआइ छापेमारी में मिले दस्तावेजों के आधार पर आगे की को अंजाम देगी