देहरादून– उत्तराखंड को क्षय रोग से पूरी तरह मुक्त करने के लिए सरकार ने साल 2025 को मुकर्रर कर दिया है। इसके लिए देहरादून में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय में जिला क्षय रोग अधिकारियों, सुपरवाइजर्स एवं जिला समन्वयकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण चल रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन आज मिशन निदेशक चंद्रेश कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों से हिस्सा ले रहे प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। इस दौरान भारत सरकार से आए रोग विशेषज्ञों ने क्षय रोग से जुड़ी नई टेक्निकल ऑपरेशनल गाइडलाइन के बारे में विस्तार से चर्चा की और क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर विभिन्न बदलावों की जानकारी दी। वहीं राज्य को क्षय मुक्त कैसे किया जाए इस पर भी मंथन हुआ।
मिशन के निदेशक चंद्रेश यादव ने कहा हमें साल 2025 तक प्रदेश को टीबी की बीमारी से मुक्त करना है। साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों से टीबी रोग को हटाने के लिए और तेजी से काम करने की बात कही। निदेशक ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागी अपनी सभी शंकाओं को दूर कर लें ताकि क्षयरोग से राज्य को तय समय पर मुक्ति मिले।
वहीं टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के राज्य प्रभारी अधिकारी (एनएचएम) डॉ. वीएस टोलिया ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई टेक्नीकल ऑपरेशन गॉइडलाइन का लक्ष्य टीबी रोग के उन्मूलन की दिशा में बेहद कारगर साबित होगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत सरकार की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ आर विश्नोई, डॉ. एस भटनागर एवं डॉ उमेश त्रिपाठी ने टीबी रोग को लेकर भारत सरकार द्वारा नई टेक्नीकल ऑपरेशनलगॉइडलाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने प्रदेश में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर कई महत्वपूर्ण और नवीनतम जानकारियां भी प्रशिक्षणार्थियों के साथ साझा कीं। इस अवसर पर निदेशक डॉ एलएम उप्रेती, निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम डॉ आरएस असवाल, राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ वागीश काला, आई0ई0सी0 अधिकारी अनिल सती, जिला क्षय रोग अधिकारियों में डॉ मनोज वर्मा, डॉ अजय कुमार, डॉ एनके सिन्हा, डॉ एचसी गड़गोटी, डॉ एनएच टोलिया, डॉ केसी ठाकुर, डॉ आरके जोशी, डॉ अविनाश खन्ना, डॉ सुजाता सिंह,डॉ अशोक कुमार तोमरआदि सहित प्रदेश के सभी 13 जिलों से आए हुए टीबी कार्यक्रम से जु़ड़े अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।