देहरादून : गुनाह को अंजाम देने के बाद से फरार चल रहे इनामी बदमाशों पर शिकंजा कसने को पुलिस ने नई रणनीति तैयार की है। इसमें उप्र और दिल्ली के 80 कुख्यात बदमाशों के अलावा प्रदेश के कुल 178 छोटे-बड़े इनामी बदमाशों की सूची बनाई गई है। इसमें बदमाशों के अपराध के तरीकों का अध्ययन करने के साथ ही दूसरे राज्यों की भी मदद ली जा रही है।
प्रदेशभर में हत्या, अपहरण, लूट, डकैती और राजद्रोह जैसे संगीन वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश लंबे अर्से से फरार हैं। पकड़ में न आने पर इनके ऊपर एसएसपी, डीआइजी और डीजीपी स्तर पर इनाम घोषित किया गया है। मगर, बदमाशों ने अपराध के शातिराना तरीके और ठिकाने बदलने से यह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पा रहे हैं।
ऐसे में इन बदमाशों को सलाखों के भीतर पहुंचाने के लिए अब पुलिस को स्टै्रटजी बदलनी पड़ रही है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने पहले चरण में उप्र के 71 और दिल्ली के नौ कुख्यात बदमाशों को सूचीबद्ध किया हैं। इन बदमाशों पर पुलिस मैनुअली और तकनीकी रूप से नजर रखने का प्रयास कर रही है। इसमें संबंधित राज्यों की मदद लेने को उन्हें भी सूची शेयर की गई है।
इसके लिए पुलिस, एसटीएफ, एसओटीएफ के साथ खुफिया एजेंसियां गोपनीय तरीके से आजाद घूम रहे इन गुनाहगारों को सलाखों तक पहुंचाने में जुट गई हैं।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के मुताबिक उप्र, दिल्ली और उत्तराखंड के प्रमुख इनामी बदमाशों की सूची तैयार कर ली है। अब नए सिरे से इन बदमाशों की धरपकड़ की जाएगी। अपराध रोकने के लिए इन बदमाशों को सलाखों के भीतर पहुंचाना जरूरी है।
लंबे समय से फरार हैं ये बदमाश
दस हजार का इनामी माओवादी खीम सिंह बोरा-2004, विद्दन-2002, रामू सुकरा-2008, राहुल-2000, वजीर उर्फ गाड़ा-1998, मुर्सलीन उर्फ दिलजला-2002, नरेश-1997 समेत कई बदमाश उप्र के जमाने से फरार चल रहे हैं।
सूची में ये बदमाश शामिल
उत्तर प्रदेश-71, दिल्ली-09, उधमसिंहनगर-27, हरिद्वार-35
देहरादून-22, पिथौरागढ़-03, नैनीताल-04, अन्य जिलों के-07