हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबंद्ध उत्तराखंड के प्राइवेट कॉलेजों में बीएड में एनआरआई कोटे के तहत एडमिशन नें जबरदस्त धांधली के आरोप लग रहें हैं। यही नहीं एनआरआई कोटे के तहत प्राइवेट कॉलेज मोटी रकम लेकर नॉन एनआरआई कोटे के लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एडमिशन देने की भी खबरें हैं। प्राइवेट कॉलेजों और गढ़वाल यूनिवर्सिटी में आपसी समन्वय न होने के चलते अब मामला हाइकोर्ट तक पहुंच गया है।
दरअसल बीएड कॉलेजों में एनआरआई कोटा होता है। आमतौर पर ये रिक्त रह जाता है। ऐसे में बीएड कॉलेज मोटी रकम लेकर ये सीटें अलॉट कर देते हैं। 2016 में भी ऐसा किया गया। परीक्षा के समय करीब आया तो गढ़वाल यूनिवर्सिटी ने इस कोटे के छात्रों की परीक्षा लेने से मना कर दिया। मामला कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने परीक्षा कराने के आदेश दिए। इसके बाद तीन सेमेस्टर की परीक्षा ली गई। चौथे और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा की तारीख 01 अगस्त 2018 तय की गई है। लेकिन दिलचस्प ये है कि यूनिवर्सिटी ने अभी पिछले सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित ही नहीं किया है।
फिर बीएड कोर्स में पढ़ाई और परीक्षा में मनमानी को इस तरह से समझिए कि एक सेमेस्टर छह महीने का होता है परीक्षा हर छह महीने पर होती है। लेकिन 2017-19 के छात्रों की परीक्षा मार्च में ली गई। नियम के मुताबिक अब छह महीने बाद परीक्षा होनी थी लेकिन अब जुलाई में ही परीक्षा लेने की तैयारी है।
वहीं इस मसले पर अब केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को भी चिट्ठी लिख दी गई है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से मिलकर भी छात्र अपनी बात रखने की तैयारी में हैं।