देहरादून – सूबे में आज टीएसआर सरकार का 135 वां दिन है। 18 मार्च को सीएम पद की त्रिवेंद्र रावत ने शपथ ली थी। खबर है कि कल मंगलवार को सीएम त्रिवेंद्र रावत नागपुर जाएंगे। यानि सरकार बनने के सिर्फ 136 वें दिन में ही नागपुर का कार्यक्रम तय हो जाना बड़े संकेत दे रहा है।
हालांकि कहा जा रहा है कि, सीएम रावत नागपुर स्मार्ट सिटी का मुआयना और नागपुर के निवेशकों को उत्तराखंड में न्यौता देने जा रहे हैं। लेकिन देखने वालों को नागपुर का संघ मुख्यालय भी नजर आ रहा है। तय है कि नागपुर पहुंचते ही सीएम को संघ दरबार में भी हाजिरी देनी होगी। माना जा रहा है कि नागपुर दौरे का पहला कारण ही दरबार मे हाजिरी है। निवेशक और स्मार्ट सिटी का मुआयना तो बस यूं ही जैसे कोई हरिद्वार रिश्तेदारी मे आए और लगे हाथ गंगा स्नान भी कर ले।
बड़ा सवाल ये है कि कार्यसमिति की बैठक होने के दो दिन बाद ही नागपुर जाने का कार्यक्रम तय हो गया। माना जा रहा है कि जरूर कोई न कोई बात है। ये सीएम का कार्यक्रम कम बल्कि संघ मुख्यालय का बुलावा ज्यादा नजर आ रहा है। तय है कि, सीएम को संघ मुख्यालय मे न केवल हाजिरी देनी है बल्कि 136 दिन का हिसाब-किताब भी देना होगा।
हालांकि सीएम त्रिवेंद्र रावत का संघ मुख्यालय से पुराना नाता है और वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी भी हैं। किसी ने उनके खिलाफ कान न भरें हो तो नागपुर में हाजरी के दौरान उनसे कुछ तल्ख सवाल पूछे जाएं इसकी संभावना कम ही है।
फिर भी कयास लगाए जा रहे है कि भारी बहुमत की सरकार के दौर में, उनसे कांग्रेस से भाजपा में आए मंत्रियों के साथ उनका रिपोर्ट कार्ड भी पूछा जा सकता है। साथ ही साथ महत्वाकांक्षी संघियों को अब तक खास तरजीह न देने पर भी तलब हो सकता है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर कुछ सवाल जवाब भी हो सकते हैं। फीड बैक लिया जाएगा इतना तय है।
लेकिन अगर संघ मुख्यालय कान का कच्चा हुआ तो तय है कि सिर्फ 136 वें दिन नागपुर में हाजिरी सीएम टीएसआर के लिए एक बड़ा संकेत हो सकता है।चेतावनी भी मिल सकती है और टिप्स भी, पीठ थपथपाई जाएगी ये कहना मुश्किल ही है। होगा क्या ये सीएम जाने या संघ मुख्यालय सूबे में तो बरसात के मौसम में कयासों की बारिश ही हो रही है। क्योंकि 2007 वाली भाजपा सरकार में भी जनता ने पहली खटरपटर मानसून में ही सुनी थी।