उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक अरसे से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों का सक्रिय नेटवर्क काम कर रहा है राज्य के सीमा सटे होने के कारण मुजफ्फरनगर मेरठ बिजनौर बागपत जैसे जिलों के प्रतिक संगठनों का बोलबाला काफी समय से देहरादून में रहा है बीते रोज थाना रायपुर क्षेत्र के बलावाला में बजरी सप्लायर की हत्या तार पश्चमी यूपी से लेने-देन विवाद से जुड़ा होना सामने आया हैं जिसके चलते घटना को अंजाम दिया गया। यह कोई पहला मामला नहीं जिसके चलते दून की शान्त वादियों में अपराध की गूंज उठी हैं।
रंजिश, गैंगवार, बदमाशों की वर्चस्व लड़ाई, सुपारी किलर व अपरण जैसे ज्यादातर मामले पश्चिम यूपी से अपराधिक संगठनों से जुड़े रहते हैं। बदमाश सॉफ्ट टारगेट के रूप में देहरादून को अपनाते आए हैं। यूपी की तर्ज पर धड़ल्ले से वारदात कर यहां से निकल जाना उत्तराखंड पुलिस को चुनौती देता आया हैं। हालांकि उत्तराखंड पुलिस इस तरह के जघन्य अपराधों का खुलासा करती आई है लेकिन उसके बावजूद पुलिस के लिए पश्चिमी यूपी के अपराधिक संगठनों से निपटना चुनौती भरा रहता ही है। इसका सबसे बड़ा कारण यूपी पुलिस के साथ सामंजस्य कि कहीं ना कहीं कमी देखने में आता रहा है ।
उधर इस मामले में उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने वाले अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का भी मानना है कि राज्य के सीमा पश्चिमी यूपी से सटे होने के कारण अपराधी लोग उत्तराखंड की राजधानी सहित अन्य जगह अपना नेटवर्क सक्रिय बना चुके हैं, हालांकि उत्तराखंड पुलिस यूपी के परस्पर अपराधी संगठनों को उत्तराखंड में आने से लगातार रोकने में कामयाब रही है जो आगे भी जारी रहेगा।