देहरादून: रविवार से चैत्र नवरात्र शुरू होंगे। इसके लिए मंदिरों से लेकर घरों में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिरों में हर दिन विशेष पूजा अर्चना के साथ भजन-कीर्तन आदि कार्यक्रम होंगे। इस बार भी नवरात्र आठ दिन के हैं। 25 मार्च को ही अष्टमी और नवमी मनाई जाएगी।
प्रसिद्ध आचार्यो का कहना है कि घटस्थापन अभिजीत मुहूर्त में करना सर्वोत्तम माना जाता है। नवरात्र में हमें अपने आचार-विचार, व्यवहार, कर्म, वाणी आदि को शुद्ध रखना चाहिए।
यह पर्व हमें नियम और संयम सिखाता है। नवरात्र में मां भगवती का पूजन करने से हमें सुख, शांति, समृद्धि की प्राप्ति होती है। आचार्य का ये भी बताया कि घटस्थापन विधि-विधान के अनुसार करें। मिट्टी की वेदी बनाकर हरियाली के प्रतीक जौ बोएं।
इसके बाद कलश पर स्वास्तिक बनाएं और फिर कलश स्थापित करें। श्रीफल, गंगाजल, चंदन, सुपारी, पान, पंचमेवा, पंचामृत आदि से मां भगवती की आराधना करें।
राशि के अनुसार करें शक्ति की पूजा
मेष: चंदन, लाल पुष्प और मिष्ठान अर्पण करें।
वृष: सुपारी, सफेद चंदन, पुष्प चढ़ाएं।
मिथुन: पंचमेवा, केला, पुष्प, धूप से पूजा करें।
कर्क: शक्कर, चावल, दही अर्पण करें।
सिंह: रोली, चंदन, केसर, कपूर के साथ आरती करें।
कन्या: फल, पुष्प, मेवा मां को अर्पण करें।
तुला: दूध, चावल, चुनरी चढ़ाएं।
वृश्चिक: लाल फूल, गुड़, चावल अर्पित करें।
इस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र, ऐसे करें घटस्थापन
धनु: हल्दी, केसर, तिल का तेल, पीले फूल अर्पण करें।
मकर: सरसों के तेल का दीया जलाएं और फल-पंचमेवा अर्पित करें।
कुंभ: मिष्ठान, पुष्प, कुमकुम, लाल फल अर्पित करें।
मीन: हल्दी, चावल, पीले फूल और केले के साथ पूजन करें।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी 18 मार्च से नव संवत्सर यानी हिंदू नववर्ष शुरू होगा। इस संवत्सर में सूर्य राजा और शनि मंत्री होंगे।