जिस प्याज की सर्वसुलभता के कारण कहा जाता था कि फलां बेचारा दो रोटी प्याज के साथ खाने को मजबूर है। आज उस प्याज के दाम सुनकर नौकरी पेशा लोग हों या कारोबारी परिवार सभी दांतों तले उंगली दबा रहे हैं। इस बरसात से प्याज के दामों ने जो कुलांचे भरनी शुरू की वो अब तक जारी हैं।
कम आमदनी वाले परिवारों ने फिलहाल प्याज से दूरी बना रखी है जबकि हैसियत दार परिवार भी प्याज पर हाथ संभलकर रख रहे हैं। पूरे देश में प्याज के बढ़ते दामों से उपभोक्ताओं की जेब ढीली हो रही है। बहरहाल कई मंहीनों से जनता को अपने तेवरों से दुखी करने वाले प्याज के दाम पर लगाम कसने के लिए सरकार तैयार हो गई है। इसके तहत सरकार ने प्याज का आयात करने का फैसला लिया है।
सरकार ने MMTC जैसी व्यापार करने वाली सरकारी कंपनियों को मिस्र और चीन जैसे दूसरे प्याज उत्पादक देशों से प्याज के आयात करने की इजाजत दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि आयात होने के बाद जिस प्याज के तेवर फिलहाल सातवें आसमान पर दिखाई दे रहे हैं जमीन पर आ जाएंगे और प्याज एक बार फिर सबकी रसोई में नजर आएगा।