रुड़की- इस बार रुड़की आई आई टी में दीक्षांत समारोह में बहुत कुछ ऐसा हुआ जो इसके इतिहास में आज तक नहीं हुआ। जैसे दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम इस दफे पहली बार दो दिन तक चलेगा। इतना ही नही समारोह में और भी बदलाव दिखा। इस बार अंग्रेजों के जमाने से चल रहे चोगे को तिलांजलि दे दी गई। रुड़की आईआईटी के छात्रों ने ब्रितानी हुकूमत की याद दिलाने वाले उपाधि चोगे के बजाए नई मिसाल कायम की। आईआईटी छात्रों ने भारतीय पोशाक कुर्ता पायजामा पहनकर अपनी महान उपाधि ग्रहण की।
बहरहाल दीक्षांत समारोह का शुभारंभ इसरो के चैयरमैन डॉ ए.एस कुमार ने किया। इस दौरान आई आई टी डाइरेक्टर ए.के चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि ए.एस किरण कुमार को आई आई टी रूडकी की पेंटिंग भी भेंट की । दो दिन तक चलने वाले इस दीक्षांत समारोह में दो हज़ार से अधिक छात्र छात्राओं को डिग्री प्रदान की जाएंगी।
दीक्षांत समारोह के पहले दिन 1140 छात्र छात्राओं को डिग्री प्रदान की। जो इसरो के चैयरमैन डॉ ए एस किरण कुमार ने दी। डिग्री हासिल करने वालो में यूजीपीजी और पीएचडी के छात्र शामिल रहे। मुख्य अतिथि ए.एस किरण कुमार ने रुड़की आईआईटी की तारीफ करते हुए छात्रों को संबोधित किया और कहा कि सौभाग्यशाली हैं वो छात्र-छात्राएं जिन्हें आईआईटी करने का मौका रुड़की के इस संस्थान से मिलता है।
वहीं उन्होने छात्र छात्राओं से टीम वर्क कर देश को आगे ले जाने में योगदान का आह्वान किया और देश मे हो रहे टेक्नोलॉजी के परिवर्तन के बारे मे भी जानकारी दी।