देहरादून- उत्तराखंड ने 15 वें मुख्य सचिव के रूप में आज उत्पल कुमार ने एस.रामास्वामी से पद भार ग्रहण किया। दिलचस्प बात ये है कि जहां एस.रामास्वामी का अभी मुख्य सचिव का कार्याकाल बाकी था वहीं उत्पल कुमार भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात थे और राज्य सरकार की गुजारिश पर केंद्र सरकार ने कुमार को डेप्यूटेशन से मुक्त किया। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर सूबे की सरकार ने ये कदम क्यों उठाया ?
बहरहाल सचिवालय के गलियारे में चर्चा है कि एस.रामास्वामी को मुख्यसचिव की कुर्सी समय से गंवाने के पीछे प्रभारी सचिव नागरिक उड्डयन आर राजेश की अक्षम्य लापरवाही भी है। हालाकिं एस.रामास्वामी ने अपने नायब की लापरवाही पर कोई एक्शन नहीं लिया।
माना जा रहा है कि पीएम मोदी के केदार दौरे के दौरान बरती गई आर राजेश कुमार की लापरवाही एस रामास्वामी के गरिमामयी पद पर भारी पड़ी। दरअसल सरकार ने पीएम मोदी के केदार दौरे को चाक चौबंद रखने का फरमान सुनाया था। ताकि कोई कोर-कसर न रहे, लेकिन नागरिक उड्डयन के प्रभारी सचिव आर.राजेश कुमार ने अपनी हनक में सूबे की सरकार को हल्के मे ले लिया।
बताया जा रहा है कि तत्कालीन मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने अधिकारियों, मंत्री और जरूरी मुलाजिमों को केदारनाथ पहुंचाने के लिए इसकी जिम्मेदारी प्रभारी सचिव आर.राजेश कुमार और भारत एविएशन कंपनी को सौंपी। लेकिन चर्चा है कि भारत एविएशन कंपनी, आर.राजेश कुमार के बेहद करीबियों और मित्र मंडलियों में शामिल है।
लिहाजा आर.राजेश अपनी हनक मे रहे और अपने सखाओँ पर सख्ती न दिखा सके। लिहाजा पीएम के केदार दौरे में धाम में तमाम लापरवाहियां नजर आई। इससे जहां पीएम मोदी के सामने सूबे की सरकार की किरकिरी हुई वहीं एक सरकारी कर्मचारी को अपनी जान गंवानी पड़ी।
ऐसे में कहा जा रहा है कि एस.रामास्वामी को अगर वक्त से पहले मुख्य सचिव जैसे पद से कुर्सी गवानी पड़ी तो उसके लिए काफी हद तक उनके नायब रहे आर.राजेश कुमार की लापरवाही भी रही। जिस पर तत्कालीन मुख्य सचिव एस.रामास्वामी अपनी कुर्सी तो गंवा गए लेकिन राजेश बाबू के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पाए।