रामनगर– जिस जमीन पर खेती-किसानी और बागवानी लहलहानी चाहिए उस जमीन को खुर्द- बुर्द कर लगाये जा रहे स्टोन क्रेशर की खिलाफत शुरू हो गई है। स्थानीय ग्रामीणो ने तहसील मुख्यालय मे लगाए जा रहे स्टोन क्रशर के खिलाफ अपना विरोध प्रर्दशन कर तहसीलदार को ज्ञापन सौपा।
गौरतलब है कि सक्खनपुर गांव में कुछ ऊंची सियासी पहुंच रखने वाले उद्योगपति आबादी क्षेत्र में बागीचे की जमीन पर स्टोन क्रशर लगाने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए रसूखमंद इतने बेचैन हैं कि न उन्हें बाग की चिंता है न तय मानकों के उल्लंघन की परवाह। उन्हें बस चिंता है निजी हित में मोटा मुनाफा, स्टोन क्रशर और उपखनिज भंडारण की।
हालांकि ग्रामीण आबादी क्षेत्र में लग रहे स्टोन क्रेशर और उपखनिज भण्डारण के विरोध मे तहसीलदार को अपना ज्ञापन देने पहुंचे। ग्रामीणो ने ज्ञापन के जरिए अधिकारियो को उन नुक्सानों ने अवगत कराया जो आबादी के बीच में स्टोन क्रशर लगने के बाद होंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि क्रशर से किसानो की फसल और बाग बगीचो के साथ ही पर्यावरण दूषित होगा। गांव के मासूम बच्चे और बुजु्र्ग स्टोन क्रशर की उड़ती धूल से बीमारी की गिरफ्त में आ जाएंगे। जबकि इलाके में क्रेशर लगने से डम्परों की आवाजाही होगी और हर वक्त सड़क हादसे की संभावना अभिभावकों का चैन और सूकून छीन लेगी।
स्टोंन क्रशर का विरोध कर रही ग्रामीण जनता का आरोप है कि प्रशासन राजनीतिक और उद्योगपतियो के दबाव मे काम कर रहा है। लिहाजा गरीब-गुरबों और आम आदमी के हितों से उसे कोई सरोकार नहीं है। वहीं ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर गांव के अंदर स्टोन क्रेशर लगा तो सभी ग्रामीण स्टोन क्रशर के खिलाफ आंदोलन करने के लिये मजबूर हो जाएंगे और इसके लिए शासन और प्रशासन जिम्मेदार होगा!