देहरादून- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी पहली बैठक खत्म की। पार्टी के आला पदाधिकारियों और सरकार के कैबिनेट मंत्रियो ंऔर विधायकों के साथ हुई इस बैठक में शाह ने उनके मन की बात सुनी। पदाधिकारियों के ये सुझाव 2019 के लोकसभा चुनाव में दोबारा जीत हासिल करने के लिए तो थे ही,उत्तराखंड जैसे सीमांत पहाड़ी राज्य की बेहतरी के लिए भी थे, और सबसे बड़ी बात कि ये सुझाव सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र रावत के लिए भी थे जो सूबे मे भाजपा सरकार की ड्राइवर सीट पर बैठे हैं।
खैर बताया जा रहा है कि इस पहली बैठक में करीब 65 आला लोगों ने शिरकत की और पार्टी अध्यक्ष के सामने अपने सुझाव रखे। बैठक की खास बात ये थी कि जब अमित शाह पदाधिकारियों के सुझाव ले रहे थे उस वक्त सूबे के सीएम त्रिवेंद्र रावत भी वहीं मौजूद थे। इसके साथ ही बैठक में भाजपा के चाणक्य बन चुके अमित शाह का वो तकनीकी प्रशिक्षित स्टाफ भी था जिन पर नए दौर की नई भाजपा बेहद यकीन करती है।
आईटी से लेकर मैनेजमैंट एक्स्पर्ट वाली अमित शाह की टीम ने राज्य भाजपा पदाधिकारियों के हर सुझाव को सीएम त्रिवेंद्र रावत के सामने नोट किया। मतलब साफ था कि, अमित शाह अपने पसंदीदा सीएम त्रिवेंद्र रावत को जता भी रहे थे कि 6 महीने के राजकाज में अभी पदाधिकारियों के सुझावों पर ही जब सरकार ने काम नहीं किया है तो आम कार्यकर्ता और जनता की बात तो छोडिए।
हालांकि माना जा रहा है कि ये सुझाव राज्य की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार से और ज्यादा मदद कैसे ली जाए इसलिए भी थे,ताकि सरकार फौरन हरकत में आते हुए नए डिमांड ड्राफ्ट बनाए और केंद्र उस पर अमल करे। ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव की रैलियों में आम वोटर को डबल इँजन सरकार का असली मतलब समझाया जा सके। खैर सुझावों का क्या होगा ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल इतना कहा जा सकता है कि, ‘मधुबन’ में मन की बात हुई, पदाधिकारियों ने कही और पार्टी सुप्रीमों ने सुनी।