उधमसिंह नगर (बाजपुर)- चीनी मिल से लम्बे समय से वेतन ना मिलने का खामयाजा एक श्रीमिक को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा है. सहकारी चीनी मिल बाजपुर में लम्बे समय से वेतन ना मिलने के कारण पैसे के आभाव में चीनी मिल श्रमिक की उपचार ना मिलने मौत हो गई. चीनी मिल श्रमिकों में आक्रोश फैल गया। चीनी मिल श्रमिकों ने चीनी मिल गेट के सामने शव रख जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। कर्मकार श्रमिक की मौत के लिए मिल प्रशासन को जिम्मेदार बताया.
वहीँ गन्ना मंत्री प्रकाश पन्त ने अपने व्यानो में घटना पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए एक महा का वेतन देने की बात कही है.
पांच माह से वेतन नहीं मिलने से वह अपना उपचार भी नहीं करा पाया
चीनी मिल बाजपुर में ड्रायर हाउस कुली के पद पर कार्यरत राजेंद्र पुत्र धर्म सिंह काफी समय से बीमार था। पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिलने से वह अपना उपचार भी नहीं करा पा रहा था। रात घर पर ही उसकी मौत हो गई। घटना पर कर्मकारों में आक्रोश फैल गया. श्रमिक शव लेकर चीनी मिल गेट पर पहुंच गए और गेट के सामने शव रख जोरदार धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
श्रमिक को उसके वेतन का पैसा ही दे दिया होता तो यह घटना नहीं होती-श्रमिक
श्रमिकों का आरोप है की यदि मिल प्रशासन द्वारा श्रमिक को उसके वेतन का पैसा ही दे दिया होता तो यह घटना नहीं होती। प्रधान प्रबंधक से काफी अनुरोध के बाद राजेंद्र को उपचार के लिए मात्र 15 हजार रुपये ही जारी किए गए। जबकि 50 हजार रुपये उपलब्ध कराने का आवेदन किया था। उन्होंने श्रमिक की मौत के लिए प्रबंध तंत्र को दोषी ठहरा जमकर हो-हल्ला किया और कार्रवाई की मांग की।
आधारशिला प्रथम प्रधान मंत्री पं जवाहर लाल नेहरू द्वारा रखी गयी थी
आपको बताते चले कि सहकारिता क्षेत्र की इस प्रथम चीनी मिल की आधारशिला प्रथम प्रधान मंत्री पं जवाहर लाल नेहरू द्वारा रखी गयी थी। उसी समय से बाजपुर ने मानचित्र में अहम स्थान प्राप्त किया था। शुरूआती दौर से ही अधिकारियों ने इस चीनी मिल को भ्रष्टाचार की भेंट चढा. भ्रष्ट अधिकारियों की करतूतो व सरकार की उदासीनता के चलते आज यह चीनी मिल अंतिम सांसे गिन रही है।
पसीना बहाने वाले कर्मचारियों को आज पांच माह से वेतन तक नही मिला
सैकड़ों कर्मचारियों की आज हालत इतने बदतर हो गये है कि पैराई सत्र में लगभग साढे तीन लाख बोरे चीनी बनाने में अपना पसीना बहाने वाले कर्मचारियों को आज पांच माह से वेतन तक नही मिला है। जिसके चलते कर्मचारियों को दो समय का खाना तक नसीब नही हो पा रहा है। जिसका आज एक श्रमिक भेंट चढ़ गया.
महिलाओं ने हाथ में बेलन थाली लेकर जोर दार प्रदर्शन किया था
पिछले 28 मार्च को को वेतन ना मिलने को लेकर चीनी मिल श्रमिको ने धरना प्रदर्शन, मसाल जलूस, और महिलायों ने हाथ में बेलन थाली लेकर जोर दार प्रदर्शन किया था. उसके बाद भी सरकार नींद से नहीं जागी उसका खामयाजा आज इस गरीव मजदुर को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा. इस चीनी मिल के कर्मचरियों को डबल इंजन की सरकार से काफी उम्मीदे थी, लेकिन उनकी यह उम्मीद भी पूरी तरह से धराशायी हो गयी. पांच से वेतन न मिलने व अपने बच्चों को भूख से बिलखता देख कर्मचारियों का धैर्य जबाव दे गया. आपको बताते चले की इसी प्रकार इस चीनी मिल के द्वारा उनको वेतन ना मिलने के कारण 4 श्रमिक और पैसो के आभाव में अपना इलाज नहीं करा पा रहें हैं. प्रकरण में अप सरकार पर सवाल उठता है की क्या अब सरकार उन श्रमिको की मौत का इन्तेजार कर रही है. क्यों की गन्ना मंत्री प्रकाश पन्त ने इस हादसे के बाद मात्र एक महा का वेतन देने की बात कही है.