देहरादून – सरकार उत्तराखंड को जैविक राज्य बनाना चाहती है लेकिन ये तभी संभव है जब राज्य में पशुपालन नए आयाम स्थापित करे।
सीएम रावत ने कहा पशुपालन राज्य की आर्थिकी को न केवल मजबूत बनाने में अपना योगदान दे सकता है बल्कि पलायन पर अंकुश लगा सकता है जबकि रोजगार का एक बड़ा जरिया बन सकता है।
ये बात आज सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उस वक्त कही, जब उन्होंने देहरादून में पशुपालन विभाग के पशुधन निदेशालय की इमारत का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम रावत ने कहा कि राज्य में उन्नत किस्म के पशुधन को विकसित किया जाएगा ताकि पशुधन राज्य के विकास में अपना योगदान दे सके।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि एवं पशुपालन दो ऐसे क्षेत्र है जिनमें रोजगार की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। वर्तमान समय में आर्गनिक खेती की डिमाण्ड तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बिना पशुपालन के आर्गनिक खेती की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि यदि पशुपालन से सम्बन्धित कार्य सुनियोजित तरीके से किया जाए तो इससे अर्थव्यवस्था में अच्छा सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए चम्पावत के नडियाल गांव में बद्री गाय की नस्ल का संरक्षण तथा संवर्द्धन किया जा रहा है।
प्रदेश में गायों की संख्या में इजाफा करने के लिए ऋषिकेश में एक सेक्स सीमन सेन्टर बनाये जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर स्वतंत्र विचरण करने वाले गोवंश को सुरक्षित स्थानों पर लाने की व्यवस्था की जायेगी।