निःसंतान को संतान देते है बेलश्वर महादेव
टिहरी, हर्षमणी उनियाल- जिले के सीमांत विकास खंड घनसाली के चमियाला से सटे बेलश्वर में भगवान शंकर का एक ऐसा मंदिर है जिसको महाभारत कालीन माना जाता है और प्रथम केदार के रुप में पूजा जाता है। कहा जाता है कि इस जगह पर भंगवान शंकर ने पाण्डवों को भील रूप में दर्शन दिए थे। घनसाली क्षेत्र में इस शंकर भगवान के बेलश्वर महादेव मंदिर को सिद्धपीठ माना जाता है। मंदिर समिति ने स्थानीय निवासियों की मदद से अब इस पौराणिक मंदिर को भव्य रूप दे दिया है। आज भी इस मंदिर में निर्माण कार्य निरंतर जारी है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि पांडवो ने इस मंदिर को स्वर्गारोहण की यात्रा के दौरान उस वक्त बनाया था जब वे इस जगह रूके और भगवान शंकर ने उन्हें भील रूप में दर्शन दिए। इस मंदिर के बारे में स्थानीय लोगों की मान्यता है कि बे-औलाद दंपतियों के मन की मुराद बेलश्वर महादेव जरूर पूरा करते हैं।कहा जाता है कि इस मंदिर मे निसंतान दंपति अगर एक रात्रि की पूजा भक्तिभाव के साथ जागरण करते हुए करें तो उनको संतान की प्राप्ति अवश्य होती है।