नैनीताल- उन 164 लोगों को अब कोर्ट के कटघरे में खड़ा होकर बताना पड़ेगा कि उन्हें नौकरी किस प्रक्रिया के तहत मिली है और मिली नौकरी कैसे वैध है! दरअसल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विधानसभा में अवैध तरीके से हुई नियुक्तियों के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए 164 अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 16 से 22 दिसंबर 2016 के बीच तत्कालीन स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में चहेतों को विधान सभा नियमावली का उल्लंघन कर 164 पदों पर नियुक्तियां दी गईं।
इसमें चपरासी, अपर सचिव, अपर निजी सचिव, समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी, रक्षक, ड्राइवर आदि शामिल हैं। याचिका में इन नियुक्तियों को चुनौती देते हुए रद करने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनय कुमार ने बहस करते हुए कहा कि नियुक्तियों में तय प्रक्रिया के साथ ही विधान सभा नियमावली का खुला उल्लंघन किया गया, जबकि कोर्ट में विधानसभा की ओर से बताया गया कि नियुक्तियां नियमित नहीं बल्कि तदर्थ तौर पर की गई हैं।
कोर्ट ने यह भी पूछा कि तदर्थ नियुक्तियां किस प्रावधान के तहत की गई। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर खंडपीठ ने सभी 164 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन नौकरियों पर गाज भी गिर सकती है।