देहरादून- सूबे के राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि एक अच्छा चिकित्सक वही हो सकता है जो कि नवीनतम तकनीक के प्रति तत्पर रहने के साथ ही मानवीय मूल्य और संवदेना भी रखता हो।
उन्होंने प्रदेश में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार की आवश्यकता बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड वैकल्पिक चिकित्सा, योग व आयुर्वेंद में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।
ये बात राज्यपाल डा.के.के पॉल ने उस वक्त कही जब वे हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को उपाधियों से नवाज रहे थे। देहरादून के एफआरआई में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थी के लिए अविस्मरणीय होता है। डिग्री प्राप्त करने के बाद समाज के प्रति नई जिम्मेवारियां भी आ जाती हैं।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में काफी तकनीकी परिवर्तन आए हैं। आज जमाना रोबोटिक्स, नेनोमेडिसीन और जेनेटिक इंजीनियरिंग का है। मेडिकल व्यवसाय में सफल होने के लिए नवीनतम तकनीक को अपनाने के लिए तत्पर रहना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि मेडिकल केयर में मानवीय दृष्टिकोण को महत्व दिए जाने की आवश्यकता है। मरीज की मुस्कुराहट से बढ़कर कोई संतुष्टि नहीं हो सकती है। ।
वहीं राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में योग व आयुर्वेद की महान परम्परा रही है। राज्य वैकल्पिक चिकित्सा, योग व आयुर्वेद में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। पूरी दुनिया में वर्तमान में योग व आयुर्वेद के प्रति स्वीकार्यता बढ़ रही है। इससे प्रदेश में वैलनैस टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं की रैंकिंग में राज्य के संस्थानों की स्थिति संतोषप्रद नहीं है। उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए शिक्षकों, शिक्षण विधियों, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के साथ ही प्रयोगशालाओं व नवीनतम उपकरणों की उपलब्घता सुनिश्चित करनी होगी।