सरकारें दूरस्थ गावों में चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करने के लाख दावे करती है लेकिन जमीनी सच्चाई किसी से नहीम छुपी..ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तरस रहे हैं। कुछ ऐसी ही हकीकत बयां कर रहा है (रानीखेत) विकासखंड ताड़ीखेत के दूरस्थ मुसौली गाव में बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। निर्माण के एक वर्ष बाद भी आज तक न तो वहा चिकित्सक की ही नियुक्ति हुई और न ही उचित स्टाफ की तैनाती नहीं हो सकी है। जिससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है।
लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मुहैया कराने को ताड़ीखेत ब्लॉक के सुदूर मुसौली गाव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत किया गया। 28 लाख रुपये की भारी-भरकम लागत से स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनकर तैयार हो चुका है। मगर निर्माण के एक वर्ष बाद भी न तो चिकित्सकों की ही नियुक्ति हो पाई और ना ही अन्य स्टाफ की तैनाती नहीं की गई। ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधाओं को कई किमी दूर जाना पड़ रहा है।
लोगों का कहना है कि चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति होने से चापड़, नोडा, बलियाली, हिड़ाम, बैड़ी, पुनौली, बगवान, हल्दीयानी, विशालकोट, थराड़, बिल्लेख व म्यूं समेत आसपास के तमाम गांवों को लाभ मिल सकेगा। ग्राम प्रधान कृपाल सिंह फत्र्याल व सरपंच उत्तम फत्र्याल के अनुसार कई बार विभागीय अधिकारियों से चिकित्सक व अन्य स्टाफ की तैनाती की माग उठाई जा चुकी है। मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चेतावनी दी कि शीघ्र चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई तो सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।
अल्मोड़ा सीएमओ डॉ. निशा पांडे का कहना है कि’जन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के निदान को गंभीर हैं। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके इसके लिए चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ की नियुक्ति को शासन से पत्राचार किया जाएगा।