हल्द्वानी- हल्द्धानी में बनने वाले आईएसबीटी के निर्माण का इंजतार लगातार बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने जहां हल्द्धानी में आईएसबीटी के निर्माण के जाने का फैसला लिया था और आईएसबीटी के निर्माण का कार्य भी शुरू हो गया था वहीं प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार आते ही त्रिवेंद्र कैबिनेट ने बस अड्डे का निर्माण कार्य रूकवाकर दूसरे स्थान पर बस अड्डे का निर्माण करने का फैसला तो ले लिया लेकिन कब जाकर आईएसबीटी का निर्माण पूरा हो जाएगा ये तय नहीं किया जो जनता पर भारी पड़ता हुआ दिख रहा है।
जमीन चिन्हित करना पड़ रहा है भारी
त्रिवेंद्र कैबिनेट ने भले ही आईएसबीटी को दूसरे स्थान पर बनाने को निर्णय ले चुकी हो लेकिन जब त्रिवेंद्र सरकार ये तय नहीं कर पाई है कि आईएसबीटी का निर्माण अब होगा और कहां। सरकार के लिए आईएसबीटी के लिए जगह तलाशना हल्द्धानी में सरर्दद बन गया है। सरकार को कोई भी जगह नहीं मिल पा रही है. यही वजह है कि अभी तक सरकार ये तय नहीं कर पाई है कि आईएसबीटी का निर्माण होगा कहां पर.
परिवहन मंत्री हो उम्मीद
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य का कहना कि उन्हे उम्मीद है कि जल्द ही जमीन फाइनल कर ली जाएंगी. साथ ही कहा कि कहां पर निर्माण कार्य कराया जाएगा। दो तीन स्थानों को चिन्हित किया गया है। जमीन मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। हांलकि परिवहन मंत्री भी ये नहीं बता पा रहे है कि कब तक आईएसबीटी का निर्माण पूरा हो जाएगा।
यात्री परेशान
हल्द्धानी बस अड्डे की खस्ता हाल से यात्री परेशान है. कम जगह और ज्यादा भीड भाड़ यात्रियों के लिए मुसीबते दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। आईएसबीटी के निर्माण का कार्य जब चल रहा था तो यात्रियों को ये उम्मीद रहती थी कि अब उनकी पेरशानी जल्द खत्म हो जाएगी। लेकिन अब जब आईएसबीटी का निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है तो लोगों की उम्मीदें आईएसबीटी के निर्माण को लेकर टूटती जा रही है।
सरकार के फैसले पर सवाल
त्रिवेंद्र कैबिनेट के द्धारा हल्द्धानी में आईएसबीटी के निर्माण कार्य रोककर दूसरे स्थान पर बनाए जाने के निर्णय पर सवाल भी उठ रहे है और सवाल इस लिए उठ रहे हैं कि क्योंकि जब सरकार ने दूसरे स्थान का चयन नहीं किया था तो जल्दी में इस पर निर्णय क्यों ले लिया गया। कुल मिलाकर आईएसबीटी कि निर्माण का मुद्दा भाजपा-कांग्रेस की राजनीति का मुद्दा तो जरूर बन कर रह गया लेकिन आम जनता के लिए ये फैसला सरदर्दी बनकर रह गया.