देहरादून- जब मई की चिलचिलाती गरमी से बचने के लिए देश-दुनिया के गरम मुल्कों के लोग उत्तराखंड की ठंडी वादियों में सैर करने के लिए आते हैं उस महीने सूबे की सरकार उत्तराखंड राज्य से 13 जिलों के 26 पंचायत प्रतिनिधियों को तमिलनाडू टूर पर ले जा रही है।
हर जिले से दो पंचायत प्रतिनिधियों को इस अन्तर्राज्यीय भ्रमण कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलेगा। जिनमे एक ब्लॉक प्रमुख और एक ग्राम प्रधान शमिल होगा। हालांकि चयन का चयन का पैमाना, अधिकारियों या नेताओं की सिफारिश या नजदीकी होगी या फिर सरकार इसके लिए कुछ काएदे निर्धारित करेगी इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
लेकिन बड़ी बात ये है कि तमिलनाडू के टूर में शामिल प्रतिनिधियों को ग्रामीण स्वच्छता में अनूठी पहल करने वाले तमिलनाडु राज्य की पहल से परिचित कराया जायेगा। ताकि टूर पर जाने वाले पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीण स्वच्छता का प्रबंधन सीख कर उन्हें अपने गांव, बलॉक और जिले में भी अमलीजामा पहना सकें।
इस बात की जानकारी उत्तराखंड राज्य पंचायतीराज क्षमता विकास एवं कार्यक्रम प्रबंधन समिति की पहली बैठक में राज्य की प्रमुख सचिव पंचायतीराज मनीषा पवांर ने दी। इस दौरान पंवार ने कहा कि राज्य में पंचायतीराज संस्थाओं की मजबूती केल लिए उनकी क्षमता में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए और ये तभी संभव है जब संस्था प्रतिनिधियों को लगातार प्रशिक्षित किया जाए।
बहरहाल देखना ये दिलचस्प होगा कि चिलचिलाती गरमियों में कितने डांडा कांडी प्रधान कूड़ा प्रबंधन की तकनीक सीखने तमिलनाडू राज्य के गांवों में दाखिल होने के लिए हामी भरते हैं। वहीं काबिलेगौर बात ये है कि तमिलनाडू के सैर पर जाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों का चयन किस पैमाने पर होता है। सिफारिश, नजदीकी या कुछ नियम काएदे।