आखिरकार स्थानीय रेलवे प्रशासन की नींद टूटी ही गई। डीआरएम के निर्देश के बाद भी स्थानीय रेलवे प्रशासन ने एक माह बाद कोटद्वार रेलवे स्टेशन के दोनों मुख्य द्वारों पर रेलवे स्टेशन बोर्ड लगाया है। डीआरएम ने मुख्य द्वार पर रेलवे स्टेशन का बोर्ड न लगने पर नाराजगी जताई थी और जल्द ही बोर्ड लगाने के निर्देश दिए थे।
वैसे तो कोटद्वार रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। टीन शेड टूटे हुए हैं तो पानी की टोंटी खराब पड़ी हुई हैं। यहां तक कि साफ-सफाई की व्यवस्था न के बराबर है तो पार्किंग यात्रियों के लिए नहीं बल्कि स्थानीय दुकानदारों की कारों के लिए है। इन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए एक माह पूर्व रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे डीआरएम एके सिंघल ने स्थानीय रेलवे प्रशासन को निर्देश दिए थे, लेकिन आज भी हालात वैसे ही बने हैं।
डीआरएम ने उस दौरान दोनों मुख्य द्वारों पर रेलवे स्टेशन का बोर्ड न होने पर नाराजगी जताई थी और जल्द ही बोर्ड लगाने के निर्देश दिए थे। आखिरकार एक माह बाद ही सही डीआरएम के निर्देश का स्थानीय रेलवे प्रशासन ने शुक्रवार को पालन किया और दोनों मुख्य द्वारों पर रेलवे स्टेशन का बोर्ड लगा दिए हैं। स्टेशन मास्टर आशीष नेगी ने बताया कि डीआरएम के निर्देश का पालन करते हुए रेलवे स्टेशन के दोनों मुख्य द्वारों पर रेलवे स्टेशन का बोर्ड लगा दिया है। जल्द ही अन्य व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किए जाने के प्रयास जारी हैं।