हरिद्वार : जिले में शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में आठ शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद विभाग के अधिकारियों ने जांच टीम के निर्देश पर एक शिक्षक के खिलाफ भगवानपुर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। मामले में एसआइटी जांच में तेजी के बाद तमाम शिक्षक अभी भी लापता चल रहे हैं। जांच की जद में आए 350 शिक्षकों में से 338 के प्रमाण पत्र को विभागीय अधिकारियों ने एसआइटी के सुपुर्द किया है।
साल 2014 में हुए प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा 2016 में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी रामेंद्र कुशवाहा की जांच में सामने आया था। जांच में सहयोग न करने पर कई शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था। कुशवाहा के स्थानातंरण के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था, लेकिन अब एसआइटी के हाथ में जांच आने पर मामले ने फिर तेजी पकड़ ली है। एसआइटी टीम के निरीक्षक मणिभूषण श्रीवास्तव की जांच पड़ताल में संदिग्ध शिक्षकों की संख्या बढ़कर 350 के करीब जा पहुंची है। जांच लिस्ट में नाम आने पर ऐसे शिक्षक स्कूल छोड़कर भाग गए हैं, जिनके प्रमाण पत्र वास्तविक रूप से फर्जी हैं।
जिला शिक्षाधिकारी बेसिक ब्रह्मपाल सैनी ने खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से ब्लॉकवार प्राथमिक शिक्षकों को जांच के लिए प्रमाण पत्र देने को नोटिस भेजा। धीरे धीरे कर 350 में से 12 को छोड़कर शेष 338 ने अपने दस्तावेज और बीएड की डिग्री, जाति और निवास प्रमाणपत्र आदि सौंप दिए। जिन 12 शिक्षकों को नोटिस भेजा गया था, उनमें से आठ की बर्खास्तगी भी हो चुकी है। वहीं जांच टीम के निर्देश पर गुरुवार को भगवानपुर विकास खंड के उप शिक्षाधिकारी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय में तैनात रहे शिक्षक जहेंद्र के खिलाफ भगवानपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन आदि रोक होगी रिकवरी
जिला बेसिकधिकारी ब्रह्मपाल सिंह सैनी ने बताया कि शिक्षक फर्जीवाड़े के मामले में 338 के प्रमाणपत्र जांच टीम के सुपुर्द कर दिए हैं। वहीं आठ सेवारत शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं उनके पेंशन आदि देयकों पर रोक लगाकर रिकवरी भी कराई जा रही है।