ब्यूरो- सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने राज्य में तमाशा बन चुकी तालीम को पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी है। तय है कि उनकी चली तो आने वाले वक्त में राज्य के सरकारी स्कूल से लेकर प्राइवेट स्कूल तक सबके सब सुधरे दिखाई देंगे और एक बार फिर से उत्तराखंड के स्कूलों की मिसाल दी जाने लगेगी।
शिक्षा मंत्री ने जो प्लान बनाया है उसके मुताबिक जहां निजी स्कूलों की लूट-खसोट बंद हो जाएगी वहीं उनकी दुकानदारी पर भी अंकुश लगेगा। मंत्री ने साफ कह दिया है निजी स्कूलों की सालाना फीस सरकार तय करेगी वहीं पढाए जाने वाले सिलेबस के लिए NCERT की किताबें इस्तमाल की जांएगी। जबकि सरकारी स्कूलों में भी बदलाव दिखाई देगा।
अगले सत्र के लिए क्या है शिक्षा मंत्री का प्लान
निजी स्कूल
सालाना फीस का ढांचा तय
प्राइमरी फीस (नर्सरी से पांच तक)- सलाना 15000 रुपए |
मिडिल क्लास (6-8 तक)- 25000 रुपए |
अपर क्लास (दर्जा 9 से 12) तक- 30000 रुपए |
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सिलेबस के लिए किताबे तय NCERT की किताबों से होगी पढ़ाई |
पांच साल तक नहीं बदला जाएगा पाठ्यक्रम |
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सरकारी स्कूल
· कम छात्र संख्या वाले प्राइमरी स्कूल बंद
· एक क्षेत्र के ऐसे 10 स्कूलों को बंद कर एक आवासीय स्कूल बनाने का विचार
· एक से पांच के छात्र बैठेंगे तो दरी में लेकिन लिखेंगे डेस्क के ऊपर
· आंग्ल भाषा में पढ़ाए जाएंगे विज्ञान और गणित के विषय
· चार मैदानी जिलों मे अक्षय पात्र योजना होगी लागू। इसके तहत मिड-डे मील के लिए 50 किलोमीटर के दायरे में बनेगी एक सामूहिक किचन वहीं से मिलेगा मिड-डे मील
· पांच साल से पहले नहीं बदलेगा सिलेबस
· नई कक्षा में जाने वाले छात्रों की किताबे नए छात्रों के लिए स्कूलों में होंगी जमा |