आज पूरी दुनिया मं फादर्स डे मनाया जा रहा है। जिसके सिर पर पिता का साया है वो उसे शिद्दत से महसूस कर रहा है। जबकि जिसके सिर पर अब पिता का साया नहीं है उसे जीवन की तपती दुपहरी में उस छांव की याद आ रही है।
मुख्य बिंदु
लिहाजा आज फादर्स डे पर संवेदनशील हृदय महसूस कर रहे है और उकेर रहे हैं अपनी भावनाओं को। हर हर्फ बता रहा है कि, पिता की अहमियत क्या होती है जीवन की टेढ़ी-मेढ़ी-चौड़ी-संकरी ऊंचे नीची पगडंडियों में और फैलास अबूझ चौराहे में ।
गौरी मिश्रा की इस कविता से पिता का वजूद और भी अतुल्य हो जाता है। पढ़िए और महसूस कीजिए पिता को!
Father’s Day पर पिताजी को समर्पित