देहरादून- दून अस्पताल में तैनात नर्सों को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने बिना होमवर्क के किए जो तबादलों की लाठी भांजने की कोशिश की उससे सिर्फ अपनी किरकिरी कराई है। शानदार शहर के बड़े अस्पताल में तैनात नर्सों के स्थानांतरण पर फिलहाल रोक लग गई है।
शासन ने अब सभी नर्सों को विकल्प दिया है कि वो चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आ सकती हैं। एक पखवाड़े के भीतर सभी नर्सों को विकल्प भर कर शासन को देना है। इस नए जुगाड़ से उन 25 नर्सों को भी राहत मिल गई है, जिनका तबादला हुआ था।
वैसे भी दून अस्पताल में नर्सों के ट्रांसफर से तकनीकी दिक्कत आनी ही थी दरअसल दून अस्पताल चिकित्सा शिक्षा के अधीन जाने से नया स्टाफ इसी विभाग के जरिये आएगा। जबकि नियुक्ति की प्रक्रिया में लंबा समय लगना तय है। बस इसी पेंच से तबादले की जद में आई उपचारिकाएं बच गई और सरकार ने तबादलों पर कितना होमवर्क किया था इसकी पोल भी खुल गई।
नर्सों के तबादले से दून अस्पताल की व्यवस्था चरमराने को भांपते हुए दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.प्रदीप भारती गुप्ता और चिकित्सा अधीक्षक डॉ.केके टम्टा ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस रावत बात की और उनके सामने ये पहलू रखा।जिस पर तय किया गया कि दून अस्पताल मे तैनात नर्सों को रिलीव नहीं किया जाएगा। बल्कि उनसे स्वास्थ्य विभाग में रहने या चिकित्सा शिक्षा के अधीन रहते हुए मेडिकल कॉलेज में सेवा देना का विकल्प मांगा जाएगा।
इससे साफ पता चल रहा है कि सरकार ने बिना होमवर्क के ही स्वास्थ्य महकमें में तबादलों का डंडा भंजा, शायद सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए।