देहरादून – आज देहरादून में निजी कारणों से आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामने पार्टी कार्यालय में नेम प्लेट उखाड़ने की बात उठी तो तय है कि राहुल गांधी दून दौरे से जब वापस दिल्ली लौटेंगे तो टेंशन लेकर ही जाएंगे।
दरअसल रस्सी जल गई लेकिन बल न जाने वाली स्थिति में उत्तराखंड कांग्रेस गुटबाजी का शिकार है। पिछले दिनों अपने साथ हुई बदतमीजी को लेकर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट और प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी।कई गुटों में बटी कांग्रेस के लिए ये एक और बड़ा खतरा हो सकता है।
हालांकि खबर है कि प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर के सामने जब ये बात बीते रोज उठी तो उन्होंने पूर्व पार्टी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से नजदीकी रखने वाले जोशी और बिष्ट के साथ बंद कमरे में सुलह की कोशिश करते हुए बात को दिल पर न लेने के लिए समझाया-बुझाया। बताया जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने बाकायदा माफीनामा भी हुआ है। जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी गवाह रहे।
लेकिन सूत्र कहते हैं कि ये पार्टी कुछ बड़े नेताओं का असर है ताकि आलाकमान सूबाई उठापठक से परेशान होकर बड़ा बदलाव करे और फिर कमान किसी ऐसे शख्स को सौपे जो अनुभवी तो हो ही छोटे -छोटे घावों को अपनी मरहम से ही ठीक कर दे और हाईकमान को खबर तक न लगे।
कांग्रेसी खेमें में पैनी नजर रखने वाले कह रहे हैं कि आज राहुल गांधी के सामने छोटी-छोटी बाते जरूर उठेंगी ताकि बड़े क्षत्रपों को मनचाहा एडजस्टमैंट संगठन में हो सके और पार्टी 2019 और 2022 के लिए तैयार हो सके।
तय है कि अगर वाकई में राहुल गांधी ने उत्तराखंड की टेंशन ली तो संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है। किसी वरिष्ठ और अनुभवी को हेडमास्टर बनाया जा सकता है। होगा क्या ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा फिलहाल बड़ा सवाल ये है कि क्या आज राहुल के सामने बदतमीजी, इस्तीफा और गुटबाजी जैसे मुद्दे उठेंगे,ताकि दिल्ली वापसी के वक्त राहुल देहरादून के बारे में सोचते रहे और अहमद पटेल से इसकी चर्चा करें।