हल्द्वानी- उत्तराखंड का भूगोल ऐसा है कि आबाद आबादियों को जिला मुख्यालय बेहद दूर लगता है। मैदानी इलाकों में इतनी भरपूर आबादी है कि उन्हें प्रशासनिक काम की रफ्तार से उकताहट होने लगती है। मतलब दूर-दराज भी परेशान और नजदीक वाले भी हैरान।
टिहरी जिले में प्रतापनगर तहसील से जिला मुख्यालय इतनी दूर है कि उसे लगता है कि उसे जिला बनाया जाना चाहिए। उत्तरकाशी में यमुनोत्री क्षेत्र की भी यही सोच है। पौड़ी के कोटद्वार की जनता की भी यही डिमांड है तो देहरादून के पछवादून को लगता है कि उसका स्वभाव परवादून से मेल नहीं खाता इसलिए उसे भी अलग जिला बनाया जाना चाहिए। ऐसा ही पिथौरागढ़ में है, चंपावत में है, नैनीताल में है। सूबे के तकरीबन 10 जिलों से नई जिलों की आवाज आ रही है।