देहरादून – जौलीग्रांट एयर पोर्ट से होटल मधुबन तक जिस अंदाज में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहुंचे उससे लग रहा था कि वे उत्तराखंड सरकार से खुश नहीं है। पहले कहा जा रहा था कि शाह का कई चौक चौराहों पर शानदार स्वागत होगा। शाह कार्यकर्ताओं के अभिनंदन को स्वीकार भी करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
कार्यकर्ता चौक चौराहों पर भाजपा की टोपी और पटके लगाए रह गए महिला कार्यकर्ता पार्टी के झंडे से मैच करते सूट, साड़ी और ब्लाउज में शाह का इंतजार करती रह गई और पार्टी अध्यक्ष धड़धड़ाते हुए निकल गए। संपर्क को संगठन का प्राण मानने वाले शाह ने कार्यकर्ताओँ के लिए अपना हाथ तक हिलाना मुनासिब नहीं समझा। उसके बाद होटल मधुबन में बैठक हुई और जिस अंदाज में शाह ने पार्टी के राज्य स्तरीय आला पदाधिकारियों की पहली बैठक ली। उससे पता चला की उनका मूड़ राज्य मे चल रही दिग्गजों की खटपट से खराब है।
हालांकि किसी आला नेता ऩे इसकी पुष्टि नहीं की लेकिन सूत्रों की माने तो शाह ने आलाधिकारियों को अपने अंदाज में हिदायत दी है कि घर की बात चौक चौराहों पर नहीं जानी चाहिए। सूत्रों की माने तो पिछले दिनो पर्यटन महकमे के जारी विज्ञापन से सीएम की गायब तस्वीर का मामला अमित शाह के संज्ञान में भी आया है। जबकि देखा गया कि मंच पर सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को दूर कोने वाली सीट दी गई। जबकि महाराज टीएसआर सरकार में पर्यटन और सिंचाई जैसा अहम विभाग संभाले हुए हैं। माना जा रहा है कि इस नसीहत के बाद अब शायद खटपट की कोई खबर भाजपा के किले से बाहर आ पाए। सच क्या है ये तो भाजपा ही जाने लेकिन जो खबरे अंदर से बाहर आई उससे तो जानकारों ने यही मतलब निकाला।