पिथौरागढ़-नामिक पिथौरागढ़ जिले का दूरस्थ मगर खूबसूरत गांव है। कुदरत ने इस पर अपना खजाना जी खोलकर लुटाया है इसे अपने हाथों से सजाया है। कुदरत नामिक को जो दे सकती थी उसे दिया। सैलानियों को अपनी ओर रिझाकर सूबे की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला ये दूरस्थ गांव एक अदद स्थाई एएनएम के लिए तरस रहा है। ताकि गांव में स्थापित एएनएम सेंटर हल्की-फुल्की बीमारियों ग्रामीणों को कुछ राहत दे सके और जननी सुरक्षा के साथ-साथ बाल स्वास्थ्य की योजनाओं का मजाक न बन सके।
ऐसा नही कि इस जरूरी और मामूली सहूलियत को देने का सरकारी ऐलान न हुआ हो। बाकायदा 2013 मे हिमालय की तलहटी में बसे नामिक में एएनएम सेंटर का उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य महानिदेशक जे.एस.पांगती ने किया था। मगर तमाम सरकारी घोषणाओं और लिखित आश्वासनों के बाद भी नामिक गांव मे एएनएम सेंटर जैसी मामूली सहूलियत स्थापित न हो सकी। सोचिए प्रसव पीड़ा में कोई प्रसूता कैसे दर्द से बिलबिलाती होगी,या जननी सुरक्षा योजना और टीकाकरण का नामिक में कैस् इंतजाम होता होगा। सरकार ऐसी बेरूखी से पलायन नही होगा तो क्या होगा !