पिछडे समुदाय वनरावतों के गांव में सरकारी अमले ने दी दस्तक
14 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचे वनरावतो के गांव में
अधिकारी और उनकी टीम के हौसले को सलाम,ऐसे अधिकारियों की दरकार है पहाड़ को
पिथौरागढ़- उत्तराखंड के पिथौरागढ में कूटाचौरानी गांव वनरावत समुदाय का है। वनरावतों का तबका सामाजिक, शौक्षणिक और आर्थिक रूप से बहुत पिछड़ा है। वनरावतों के लिए राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाए क्या,क्या हैं उनके बारे में वनरावत समुदाय को 16 साल में पहली बार अब पता चला । जब खंडविकास अधिकारी डी.आर.लोहिया की अगवाई में सरकारी अमले ने कूटाचौरानी का दौरा किया और वनरावत समुदाय को मनरेगा योजना से जोड़ने की पहल की। माना जा रहा है कि अगर वनरावत समुदाय को मनरेगा योजना से जुड़ जाएगा तो उसे रोजी-रोटी के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नही पड़ेगी।
पहली बार सरकारी अमले को कूटाचौरानी गांव में देखकर वनरावत समुदाय की खुशी देखने लायक थी। उन्हें खंड विकास अधिकारी डी.आर.लोहिया और उनकी टीम देवदूतों की माफिक महसूस हो रही थी। बहरहाल देवीसूना से से 14 किलोमीटर पैदल चल कर कूटाचौरानी गांव पंहुचे खंड विकास अधिकारी को वनरावत समुदाय ने अपनी कई दिक्कतों से वाकिफ कराया। जिनमें जर्जर आवास, पेयजल की दिक्कत के साथ वनरावतों ने बताया कि उनके हिस्से का सरकारी राशन उन्हें दुकान से काम मिलता है। जिस पर बीडीओ साहब ने समुदाय को भंरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी इन समस्याओं का तत्काल प्रभाव से निदान किया जाएगा।
वही ये जानकारी भी दी कि जल्द ही वनरावत समुदाय को राज्य की विकासधारा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए कूटाचौरानी में अधिक से अधिक वनरावतों के मनरेगा जॉब कार्ड ,राशन कार्ड बनाए जायेंगे और समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाओं से इस समुदाय को जोड़ा जाएगा। बहरहाल तारीफ करनी होगी एेसे अधिकारियों और उनकी टीम के हौसले की जिन्होने समाज के आखिरी तबके को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल की और उनकी पीड़ा को समझने की कोशिश की। वरना राज्य बने तो 15 साल पूरे हो चुके हैं अब तक कितने अधिकारी कूटाचौरानी गए 14 किलोमीटर का पैदल सफर आसान नही होता।