चमोली। जोशीमठ के पास ज्योतिर्पीठ की आराध्य देवी पूर्णागिरी माता के दर्शनों से पीठ के ही संतों को रोके जाने से अब हालात बिगड़ गए हैं। मंदिर के सामने धरने पर बैठे शंकराचार्य स्वरूपानंद स्वामी के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ऐलान कर दिया है कि यदि प्रशासन ने योग्य पुजारी कि नियुक्ति कर जल्द ही पूजा पाठ विधि विधान से नहीं शुरु कराया तो मंदिर का ताला तो़ड़ कर पूजा अर्चना शुरु कर दी जाएगी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि माता की पूजा किसी हाल मेें रोकी नहीं जा सकती है।
वहीं मंदिर के सामने भूख हड़ताल पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद उस समय हैरान रह गए जब तैंतीय घंटों के इंतजार के बाद मंदिर का ताल दस मिनट के लिए खोला गया। इस दौरान ज्योतिर्मठ की अधिष्ठात्री माता पूर्णागिरि को सिर्फ पानी और पंजीरी का भोग लगाया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के सामने पुजारी माता के सही स्वरूप के बारे में भी नहीं बता पाए। पुजारी माता को अन्नपूर्णा बताने लगे। इसके बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद खासे नाराज हो गए। उन्होंने ना सिर्फ पुजारी को माता के पूर्णागिरी स्वरूप के बारे में बताया बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी आगाह कर दिया कि जब तक योग्य पुजारी की नियुक्ति नहीं होती वो अपना अनशन नहीं खत्म करेंगे।
आपको बता दें कि माता पूर्णागिरि ज्योतिर्मठ की अधिष्ठात्री देवी हैं। मठ से जुड़े लाखों लोगों के लिए देवी की पूजा अर्चना उनकी आस्था का विषय है। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही से हालात बिगड़ने लगे हैं।