मसूरी : संजय नारंग के डहलिया बैंक परिसर में किया गया अवैध निर्माण अगले माह ध्वस्त किया जाएगा। यह निर्णय बुधवार को लंढौर कैंटबोर्ड की बैठक में लिया गया।बता दें कि 28 हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल में फैले डहलिया बैंक परिसर में संजय नारंग ने कैंट बोर्ड की अनुमति के बगैर काफी अवैध निर्माण कर डाला है।
वर्ष 2012 में तत्कालीन कैंट बोर्ड सीईओ अशोक चौधरी ने इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी। इसके बाद कैंट बोर्ड ने संजय नारंग को डहलिया बैंक परिसर में किए गए निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया। कैंट बोर्ड के इस आदेश के खिलाफ संजय नारंग ने पहले लोअर कोर्ट में याचिका दाखिल की।
वहां से राहत न मिलने पर नारंग नैनीताल हाई कोर्ट गए। हाई कोर्ट ने पांच सितंबर को सुनवाई करते हुए पूल व पौंड को छोड़कर अन्य निर्माण से संबंधित ध्वस्तीकरण के आदेश को सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए संजय नारंग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी। बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने नारंग की याचिका खारिज कर दी और डहलिया बैंक परिसर 12 दिन के भीतर खाली करने का आदेश दिया।
अब बुधवार को डहलिया बैंक परिसर में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए कैंट बोर्ड परिसर में नवनियुक्त बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल जेएस यादव ने विशेष बैठक बुलाई। बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल जेएस यादव ने बताया कि न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए अक्टूबर प्रथम सप्ताह में डहलिया बैंक में ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जाएगी। संजय नारंग को ध्वस्तीकरण का फाइनल नोटिस दिया जा रहा है।
बैठक में कर्नल बीके शुक्ला, ब्रिगेडियर विपुल के शर्मा, एमएम उनियाल, उपाध्यक्ष महेश चंद्र, सभासद पुष्पा पडियार, चंद्रकला सयाना, बादल प्रकाश आदि उपस्थित रहे। बैठक शुरू होने से पहले नवनियुक्त अध्यक्ष मेजर जनरल जेएस यादव ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
संजय के नाम दर्ज नहीं हैं संपत्तियां
संजय नारंग की संपत्तियों के मामले में चौंकाने वाला तथ्य सामने आए हैं। सीईओ जाकिर हुसैन ने बताया कि कैंट बोर्ड क्षेत्र में स्थित संजय नारंग की पांचों संपत्तियां बोर्ड के अभिलेखों में अभी तक उनके नाम से दर्ज नहीं हैं। वह बिना कैंट बोर्ड की स्वीकृति के डहलिया बैंक, रॉकबी, जोआर कॉटेज व तबोर का व्यावसायिक उपयोग कर रहा है। इसके लिए कैंट बोर्ड ने इन चारों संपत्तियों में उसका अलग से चालान किया है।
इसके अलावा डहलिया बैंक को संजय नारंग ने जिस व्यक्ति से खरीदा था, कैंट बोर्ड के अभिलेखों में उक्त संपत्ति बेचने वाले के नाम से भी दर्ज नहीं है। सीईओ ने बताया कि जल्द ही कैंट बोर्ड एरिया में कम से कम चार अवैध निर्माणों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।