उत्तरकाशी- कहते हैं दीपावली के दिन भगवान राम वनवास भोग कर अयोध्या वापस लौटे थे। लिहाजा आयोध्या में प्रजा ने अमावस के अंधियारे को अपने दीपों के उजाले से हरा दिया। तब अयोध्या में रामराज लौटा था इधर उत्तरकाशी के औड़खोला बनचौरा गांव के निवासी अरविंद सिंह की जिंदगी में भी दीपावली की रात उम्मीद की किरण ने उजास बिखेर दिया। जी हां जिलाधिकारी डा आशीष चौहान की पहल से ने गरीब अरविंद की दीवाली यादगार बना दी।
दरअसल अरविंद का बेटा साजन उत्तरकाशी जिला अस्पताल मे ंभर्ती था। डीएम डॉ आशीष चौहान ने दिवाली की रात अस्पताल का निरक्षण किया तो बेड में लेटे एक बच्चे की बीमारी को देखकर जिलाधिकारी का दिल पसीज गया। डीएम ने देखा कि दिवाली की रात जिस बच्चे को पर्व के उल्लास में होना चाहिए था वो अपनी बीमारी की वजह से अस्पताल के बेड मे लेटा है। परिजनों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं बेटे की बीमारी से पिता के मुख की कांति गायब है।
जिलाधिकारी आशीष चौहान ने अस्पताल के बिस्तर मे लेटे मासूम साजन के बारे में परिजनो से पूछा तो पता चला कि दो महीने पहले साजन को सामान्य बुखार आया था लेकिन उसके बाद उसे अचानक दौरे पड़ने शुरू हो गए। बच्चे की हालत लगातार बिगड़ने लगी। बच्चे के गरीब पिता ने अपने जिले के सबसे बड़े अस्पताल में बेटे को 16अक्टूबर 2017 को भरती कर दिया।
लेकिन जिला अस्पताल में साजन के मर्ज का वाजिब इलाज न होते देख डीएम आशीष चौहान ने बड़ा कदम उठाया। जिलाधिकारी ने बच्चे के इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भेजना का निर्णय किया। यह जानकर गरीब पिता अरविन्द की आंखें छलछला उठी। भरे गले से अरविंद ने कहा मैने कभी सोचा भी नहीं था कि कोई अधिकारी कभी मदद को आगे आएगा।
अरविंद की माने तो दीवाली की रात जिलाधिकारी उसकी और उसके बेटे की जिंदगी में भगवान बनकर आए हैं।साब ने उसके बच्चे की बीमारी के बारे में फौरन अस्पताल के डॉक्टरों से कागज मांगे और एम्स भेजने का फैसला लिया। साजन के कागज तैयार हो गए हैं अब मासूम साजन कल यानि 21 अक्टूबर को दिल्ली एम्स के लिए रवाना होगा।
ऐसे मे हम उम्मीद करते है कि साजन जल्द ठीक होकर हम सबके बीच हो और अगली दीवाली धूम-धाम से अपने गांव में मनाए। जिलाधिकारी की इस बड़ी पहल पर साजन के पिता कहते हैं, “दीवाली की रात अस्पताल में मेरे लिए जिलाधिकारी नहीं भगवान आए थे।”