डोईवाला- (जावेद हुसैन)-डोईवाला में शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के 87वे बलिदान दिवस पर उनकी शहादत को जगह-जगह याद किया गया। जिसमें क्षेत्रीय लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस मौके पर सपा नेता फुरकान कुरैशी, आशीष यादव,अश्वनी त्यागी ने इन महान आत्माओं को याद करते हुए, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि शाहिद हमारी क्रांतिकारी विरासत की अमूल्य निधि है, देश के नोजवानो का कर्तव्य बनता है कि क्रांतिकारी विचारों की रक्षा करें। शहीदों के आत्मसम्मान व त्याग से ही देश को आजादी मिली है, जिसकी वजह सर आज हम देश मे चेन की सांस ले रहे हैं। भगत सिंह एक अथक योद्धा थे, जिन्होंने मात्र 23 वर्ष की अल्प आयु में ही देश के लिए फांसी के फंदे को चूमा। भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे नोजवानो ने देश की आजादी में बड़े जोश खरोश से हिस्सा लिया। जब गांधी जी ने चोर चोरी की घटना के बाद अपना सहयोग आंदोलन वापस ले लिया तब देश के नोजवानो को बहुत निराशा हुई, तथा भगत सिंह अपनी पढ़ाई करते हुए क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़ गए। 1925 में लाहौर में नोजवान भारत सभा का गठन होने पर भगत सिंह इसके जनरल सेकेट्री बने, तथा देश मे क्रांतिकारी संगठन को मजबूत किया और देश मे नई क्रांतिकारी की शुरुवात की।
समाजसेवी जाहिद अंजुम ने भगत सिंह की भारतीय क्रांतिकारी संगठन हिंदुस्तान रिपब्लिक आर्मी से जुड़े पर इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक आर्मी के रूप में गठन किया गया, यह उनके विचारों का विकास था जो उन्होंने रुशि क्रांति उस विशाल देश मे ही रहे समाजवादी परिवर्तन के बारे में बताया। इस मौके पर कॉंग्रेश नेता विक्रमसिंह नेगी ने भी भगत सिंह द्वारा दिये गए बलिदान से अवगत कराया।
बलिदान दिवस पर शहीद यादगारी सभा मे कुणाल सिंगारी, विक्रम सिंह नेगी, संजय सिंह, गीता त्यागी, अक्रम अली, मनदीप बजाज,आदि क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।