रामनगर में एक और जहां जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जैसे एनिमल प्रोटेक्शन पार्क है जहां पर जानवरों की सुरक्षा की जाती है तो वहीं पास में रामनगर फर्स्ट डिवीजन भी है जहां पर देश के 25 टाइगर रिजर्व से ज्यादा बाघ मौजूद हैं और 200 से ज्यादा हाथी मौजूद हैं.
वही इन दोनों पार्को को के बीच से निकलने वाले नेशनल हाईवे 121 पर कुछ व्यक्तियों ने अपने पालतू हाथी बांध रखे हैं जो कि कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले पर्यटको को हाथी सफारी कराते हैं. और यह सफारी नेशनल हाईवे पर सरपट दौड़ती हुई गाड़ियों के बीच कराई जाती है. जो कि एक जोखिम भरा काम है और यह पूरी तरह से अवैध है जाती है. लेकिन कुछ लोगों का रोजगार इसी से जुड़ा हुआ है. जिसे देखते हुए रामनगर वन विभाग ने एक प्लान तैयार किया है जिसके तहत जल्द ही रामनगर में एक हाथी सफारी कैंप की शुरुआत की जाएगी.
जिसमें इन 7 पालतू हाथियों को जो कि प्राइवेट है और वन विभाग की प्रॉपर्टी नहीं है उन को री हेबिटेट किया जाएगा और उनको इस हाथी सफारी पार्क में रखा जाएगा और यहाँ आने वाले पर्यटकों को उनके पास जाकर उनकी सफारी ही नही उनकी दिन चर्या में शामिल होने का मौका भी मिलेगा जैसे हाथियो को अपने हाथ से खिलाना, उनको नहलाना, उनके साथ खेलना, ये अपने आप मे एक नया केम्प होगा जहां इन हाथियो की पूरी देख भाल होगी और इनसे होने वाली कमाई का ज़ादातर हिस्सा इन हाथियो के प्राइवेट महावतों को दिया जायगा. जिससे महावतों को अच्छी खासी इनकम होगी और हाथी भी सुरक्षित रहेंगे.
नेशनल हाइवे पे हाथियो इस खतरनाक सफारी को भी बंद किया जा सकेगा जिससे कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले पर्यटक सुरक्षित रहे और कोई हादसा न हो