देहरादून- 5 अप्रैल को शासन ने राज्य के विशिष्ट दायरे में आने वाले व्यक्तियों और अन्य महानुभावों को शासन द्वारा स्वीकृत एक्स, वाई व जेड श्रेणी के सुरक्षा के संबंध में समीक्षा की थी। इस समीक्षा के बाद अब शासन ने इन्हें प्राप्त हो रही सुरक्षा के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने सरकार से मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का अनुरोध किया है और एक मिसाल पेश की.
बलूनी ने सरकार से मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का अनुरोध किया
आपको बता दें सांसद अनिल बलूनी ने सरकार से मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री को संबंधित पत्र में उन्होंने कहा है कि सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी व एस्कार्ट की सुविधा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि राज्य भ्रमण के दौरान इस तरह की सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है लिहाजा इस विशेष सुविधा के आदेश को निरस्त कर दिया जाए। कुछ भी हो लेकिन वीआईपी कलचर को खत्म करने के लिए ये एक अच्छी शुरुआत है. या यूं कहे कि वीआईपी कल्चर खत्म करने में अनिल बलूनी ने सहयोग देते हुए जनता से लेकर नेता-विधायकों के दिन में जरुर अच्छी छाप छोड़ी होगा. क्या पता इससे औऱ भी सीख लें.
16 लोगों का चयन वाई श्रेणी की सुरक्षा के लिए तय किया गया
जिसमें 16 लोगों का चयन वाई श्रेणी की सुरक्षा के लिए तय किया गया। इस श्रेणी में हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले जी महाराज के साथ मंगला माता, धर्मगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद, शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम, रामानंद हंस देवाचार्य शामिल हैं. ये इसलिए क्यों ये सभी समाज सेवा, योग और धर्म-भक्ति को लकेर लोगों से जुड़े रहते हैं और साथ ही मीडिया से भी जुड़े हैं, ऐसे में शासन ने उन्हें भी वाई श्रेणी में रखा.
देवभूमि उत्तराखंड सुकून और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है लेकिन क्या स्थिति ऐसी हो गई है कि अब लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान रखा. साथ ही सोचने वाली बात ये है कि सरकार ने उन लोगों को भी VIP की श्रेणी में रखा है जो काफी विवादित रहे हैं। जिनमे गुप्ता बंधुओं के साथ-साथ कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन जैसे कई नाम शामिल हैं।
इनको है वाई श्रेणी की सुरक्षा का प्रावधान
आपको बता दें इनके अलावा सरकार ने महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशगण, पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ योगगुरू से बड़े व्यापारी बन चुके बाबा रामदेव और रिटायर्ड जज धर्मवीर शर्मा के लिए भी वाई श्रेणी की सुरक्षा का प्रावधान किया है।
कुछ भी हो लेकिन वीआईपी कलचर को खत्म करने के लिए ये एक अच्छा उदाहरण है. साथ ही सबको समान रुप से देखने के लिए भी यह अच्छा कदम है. लेकिन देखने वाली बात ये होगी की सांसद अनिल बलूनी से कोई औऱ भी सीख लेगा.