निर्वाचन आयोग ने लगाया 3 साल का प्रतिबंध
कांग्रेस और भाजपा को मिली राहत कई सीटों पर थमेगी बड़ी बगावत
देहरादून- भारत निर्वाचन आयोग ने सख्त रूख अपनाते हुए सूबे के 58 उम्मीदवारों के चुनावी ख्वाब पर बंदिश लगा दी हैं। 2012 में विधानसभा चुनाव लड़े 58 उम्मीदवार इस बार चुनावी दंगल मे ंनही उतर पाएंगे। इतना ही नहीं तीन साल तक ये उम्मीदवार लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अब अपनी तकदीर नहीं आजमा सकते। दरअसल निर्वाचन आयोग ने साल 2012 के विधानसभा चुनाव में खर्च का ब्योरा न देने की वजह से राज्य के 58 दावेदारों पर प्रतिबंध लगाया है। इनमें राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष रजनी रावत समेत ऋषिकेश नगर पालिका के चेयरमैन दीप शर्मा, भाजपा नेत्री लक्ष्मी अग्रवाल, बसपा नेता अजय सूद, आप
नेता भार्गव चंदोला और सपा नेता हेमा बोरा और दिग्गज छात्र नेता रह चुके पंकज क्षेत्री भी शामिल हैं। गौरतलब है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 क के मुताबिक चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार को चुनावी खर्च का ब्योरा देना अावश्यक है। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा राज्य में चुनाव लड़े 58 उम्मीदवारों ने निर्वाचन आयोग को मुहैय्या नही करवाया जिस पर अब आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए प्रतिबंध लगाया है। हालांकि अभी इन 58 उम्मीदवारों के सामने अपील करने का विकल्प खुला है। दावेदार चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा साक्ष्यों के साथ निर्वाचन आयोग के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं।