डोईवाला-(जावेद हुसैन) सरकार ने नगर निकायों के विस्तार के लिए गांवों का गला घोंट दिया है। गांवों के शहर बन जाने के बाद गांव की खुशहाल जिंदगी एक सपना बनकर रह जाएगी।
सरकार पर ये आरोप लगाया है कालूवाला ग्रामसभा के ग्रामीणों का । जिसके खिलाफ ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान उमा शाह के नेतृत्व में डोईवाला तहसील में सांकेतिक धरना – प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
गौरतलब है कि सूबे की सरकार ने कई नगर निकायों की सीमा विस्तार के लिए निकायों से सटी ग्राम पंचायतों को नगर निकायों में शामिल कर लिया है। जिसका विपक्ष तो विरोध कर ही रहा है जिन गांवों का वजूद खत्म हो रहा है उसके ग्रामीण भी विरोध जता रहे हैं। ़डोईवाला विकासखंड की कालूवाला ग्रामसभा भी उन्ही गांवों में से एक है जिसे डोईवाला नगर पालिका में शामिल किया गया है।
हालांकि ग्राम प्रधान उमा शाही ने सरकार के खिलाफ तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि कालूवाला में 90 फीसद जमीन खेती की है बावजूद इसके सरकार अपने चहेतों के हित के लिए पूरे गांव का शहरीकरण कर रही है। जिसे ग्रामवासी बर्दाश्त नही करेंगे।उमा शाही ने कहा कि अगर सरकार ने अपना निर्णय वापस नही लिया तो कालूवाला के समस्त ग्रामीण सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
धरना प्रदर्शन करने वालों में क्षेत्र पंचायत सदस्य पंकज रावत, मोनिका नेगी, ममता नेगी, पुष्पा पुण्डीर, सुषमा राठौर, बबीता नेगी, सुषमा, सब्बो, पूजा, मीना देवी, प्रतिमा, रजनी, कमला, बचन सिंह, अरुण जोशी, संजय उनियाल, सुधीर क्षेत्री, बिरेंदर सिंह भंडारी, लोकानंद, रीता, मंजीत,आशा, ममता कृषाली, उषा देवी समेत कई ग्रामीण मौजूद थे।