रुद्रपुर : चोरी के मामले में हल्द्वानी जेल में बंद दूधियानगर निवासी युवक की डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इससे भड़के परिजन और नाते रिश्तेदार कोतवाली पहुंचे और हंगामा काटा। पुलिस पर हिरासत में बेरहमी से पीटने का आरोप भी लगाया। इस दौरान परिजनों की पुलिस कर्मियों से धक्का मुक्की हुई। बाद में एसएसआइ ने परिजनों को समझाबुझाकर मामला शांत कराया। इसके बाद परिजन हल्द्वानी के लिए रवाना हो गए।
7 अगस्त को पुलिस ने दूधियानगर निवासी 25 वर्षीय संदीप उर्फ गुड्डू पुत्र बाबू लाल को चोरी के मामले में गिरफ्तार कर हल्द्वानी जेल भेजा गया था। गुरुवार की सुबह अचानक संदीप की तबियत बिगड़ गई। दोपहर करीब 12 बजे संदीप को एसटीएच में भर्ती कराया गया, जहां दो घंटे बाद उसकी मौत हो गई। इसका पता चलते ही संदीप के परिजनों और नाते रिश्तेदारों में कोहराम मच गया। परिजन आसपास के लोगों के साथ देर शाम रुद्रपुर कोतवाली पहुंचे और हंगामा काटना शुरू कर दिया। पुलिस कर्मियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो वे लोग भड़क गए। पुलिस कर्मियों से नोकझोंक और धक्का मुक्की करने लगे।
परिजनों का पुलि पर आरोप
परिजनों का आरोप था कि चार अगस्त की सुबह रम्पुरा चौकी का पुलिसकर्मी घर आया और संदीप को पूछताछ के लिए ले जाने की बात कहकर ले गया। दो दिनों तक उन्होंने संदीप को नहीं छोड़ा। 12 अगस्त को संदीप की मां मुन्नी देवी उसे जेल में मिलने गई थी। जहां संदीप ने उसे बताया कि रम्पुरा चौकी पुलिस ने उसे बहुत पीटा। साथ ही चोरी के इल्जाम अपने ऊपर लेने का दबाव बनाया। गुरुवार को अचानक हल्द्वानी जेल से फोन आया कि संदीप की हालत खराब है। थोड़ी देर बाद फिर फोन आया कि उसकी मौत हो गई है।
अगर उसे पुलिस कर्मियों ने पीटा होता तो जेल भेजने से पहले हुए मेडिकल से पुष्टि हो जाती-SSI
मामला बिगड़ता देख एसएसआइ जगदीश ढकरियाल भी पहुंच गए। लोगों की उनसे भी धक्का मुक्की हुई। एसएसआइ ने लोगों को समझाते हुए कहा कि संदीप की मौत हल्द्वानी जेल में हुई है। अगर उसे पुलिस कर्मियों ने पीटा होता तो जेल भेजने से पहले हुए मेडिकल से पुष्टि हो जाती। कहा कि हल्द्वानी में पोस्टमार्टम हो रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही जेल प्रशासन उसकी मौत की वजह बताएगा। इसके बाद परिजन हल्द्वानी के लिए रवाना हो गए। इंसेट-
कोतवाली में हंगामे की सूचना पर बाजार और आदर्श कालोनी चौकी पुलिस भी पहुंच गई। हंगामा करने वालों में महिलाएं भी शामिल थी। ऐसे में महिला पुलिस कर्मी उन्हें काबू नहीं कर पा रही थी। इसे देखते हुए महिला पीएसी भी बुला ली गई।