हरिद्वार : मुख्यमंत्री के ओएसडी की सुनवाई ना होने की शिकायत पर सोमवार रात पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एक शख्स ने खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर डीजीपी को फोन मिला दिया। जिसके बाद देहरादून से लेकर हरिद्वार तक अफसरों के फोन घनघना गए। पड़ताल में मामला झूठा पाए जाने पर पुलिस ने आरोपी को पकड़कर हवालात में डाल दो मुकदमा दर्ज कर लिया।
सिडकुल थाने के बाहर से एक व्यक्ति ने सोमवार की रात डीजीपी उत्तराखंड को फोन मिलाया और अपना परिचय मुख्यमंत्री के ओएसडी के रूप में दिया। उसने डीजीपी से शिकायत करते हुए बताया कि सिडकुल पुलिस उसकी सुनवाई नहीं कर रही है डीजीपी कार्यालय से एसएसपी हरिद्वार कार्यालय को इस बारे में जानकारी दी गई जिसके बाद एसएसपी कार्यालय से सिडकुल पुलिस को सीएम के ओएसडी के बारे में जानकारी देते हुए कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया सिडकुल पुलिस ने उस मोबाइल नंबर पर कॉल की और थाने बुलाया। पहले तो वह शख्स थाने में आने के लिए तैयार नहीं हुआ।
पड़ोस में एक परिवार में महिलाएं गलत काम करने की शिकायत
पुलिस के काफी दबाव डालने पर वह एक महिला और बच्चे के साथ थाने आ गया। पुलिस के मुताबिक नशे में धुत्त आरोपी ने थाने में भी खुद को सीएम का ओएसडी बता कर हंगामा शुरू कर दिया। उसका कहना था कि उसके पड़ोस में एक परिवार में महिलाएं गलत काम कर रही हैं और पुलिस उसकी शिकायत पर कार्यवाही नहीं कर रही है। उसकी हालत देख कर पुलिसकर्मियों को उसके ओएसडी होने पर शक हुआ।
नकली ओएसडी को एक सिपाही ने पहचाना
इसी बीच थाने के एक सिपाही ने उसे पहचान लिया और एसओ कमल मोहन भंडारी को बताया कि कुछ दिन पहले शांति भंग के एक मामले में उसका चालान किया। तब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की। उसने अपना नाम कृष्ण कांत शर्मा बताते हुए झूठा फोन करने की बात कुबूल की। थाना प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि आरोपी मूल रूप से बुलंदशहर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह टीएचडीसी जोशीमठ में काम करता है और यहां नवोदय नगर में अर्पित के मकान में किराये पर रहता है।
शिकायत भी पाई गई फर्जी
उसकी शिकायत पर कॉलोनी में जा कर छानबीन भी की गई। लेकिन शिकायत फर्जी पाई गई है। नशे में धुत होकर थाने में हंगामा करने और झूठी सूचना देकर पुलिस को गुमराह करने के मामले में उसके खिलाफ पुलिस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।