देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर हाउस में लगभग 5441 करोड़ रूपये की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 570 करोड़ रूपये की जिन योजनाओं का शिलान्यास किया उनमें लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत जनपद देहरादून के मोहकमपुर रेलवे क्रॉसिंग पर 81.73 करोड़ रुपए की लागत के 4 लेन रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण, 69.50 करोड़ रुपए की लागत से अजबपुर रेलवे क्रासिंग पर 4 लेन आरओबी का निर्माण, 71.93 करोड़ रुपए की लागत से डाट की देवी के निकट 2 लेन रोड टनल का निर्माण, 45.77 करोड़ रुपए की लागत से भंडारी बाग के समीप आरयूबी (रेलवे अण्डर ब्रिज) का निर्माण, 61.66 करोड़ रुपए की लागत से जोगीवाला चैक पर फ्लाईओवर का निर्माण, जनपद हरिद्वार में 32.47 करोड़ रुपए की लागत से रामपुर चुंगी से नागल होते हुए पिरान कलियर तक बाईपास (07 कि.मी मार्ग/300 मी.सेतु) का निर्माण एवं
पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 207.78 करोड़ रुपए की लागत से जनपद अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी टिहरी तथा उत्तरकाशी के 376 किमी के विभिन्न 36 मोटर मार्गों का शिलान्यास किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोनिवि एवं एमडीडीए से संबंधित विभिन्न कार्यों हेतु सर्वेक्षण एवं डीपीआर कार्य का भी शुभारम्भ किया। जिसमें लोनिवि की 1700 करोड़ रूपये की लागत के देहरादून नगर में 4 लेन रिंग रोड 112 किमी का निर्माण, 440 करोड़ रूपये की लागत से हरिद्वार नगर में 4 लेन रिंग रोड 42 किमी का निर्माण, 500 करोड़ रूपये की लागत से हल्द्वानी नगर में 4 लेन रिंग रोड 40 किमी का निर्माण, 400 करोड़ रूपये की लागत से रूद्रपुर नगर में 4 लेन रिंग रोड़ 40 किमी का निर्माण, 80 करोड़ रूपये की लागत से कोटद्वार नगर में 4 लेन रिंग रोड़ 10 कि.मी. का निर्माण, 2.88 करोड़ रूपये की लागत से पिथौरागढ़ के अन्तर्गत रिंग रोड़ 12 कि.मी. का निर्माण, 95 करोड़ रूपये की लागत से रामनगर-हाथीडांगर-मालधन, चैड़-कुण्डा नगर में 4 लेन बाईपास मार्ग 30 कि.मी. का निर्माण, 220 करोड़ रूपये की लागत से अल्मोड़ा नगर में रोड़ टनल 1.1 कि.मी. का निर्माण, 160 करोड़ रूपये की लागत से गैरसैंण-महलचोरी-खेड़ा-भिकियासैंण-चैखुटिया-मरचुलाखाल, अदालीखाल मार्ग सिंगल लेने से डबल लेन परिवर्तन 164 किमी का निर्माण, 320 करोड़ रूपये की लागत से बाड़ेछीना-सेराघाट-राईसागर -उड़ियारबैण्ड-बैरीनाग-थल 90 किमी का निर्माण, 5 करोड़ रूपये की लागत से सामा-सौंग-ग्वालदम, लोल्टी, कस्वीनगर, देवपुरी के मध्य मिसिंग लिंक 05 किमी का निर्माण, 60 करोड़ रूपये की लागत से पौड़ी एवं चमोली में पाबौ से गैरसैंण तक 60 किमी (पूर्वी नयार के साथ) का निर्माण, 2 करोड़ रूपये की लागत से बूंगीधार, महलचैरी, बछुवाबाण का कस्वीनगर तक 02 किमी विस्तारीकरण का कार्य, 3 करोड रूपये की लागत से विनायकधार मोटर मार्ग का कस्वीनगर, थरीली तक 03 किमी विस्तारीकरण का कार्य, 180 करोड़ रूपये की लागत से ज्योलिंगोंक (ब्यास घाटी) को बेदांग (दारमा घाटी) से जोड़ने हेतु 01 किमी टनल का निर्माण, 52 करोड़ रूपये की लागत से जनपद पिथौरागढ़ के अन्तर्गत स्थित ज्योंलिंकोंग से जनपद चमोली के अन्तर्गत स्थित मलारी तक बार्डर रोड़ 100 किमी का निर्माण कार्य एवं एमडीडीए के अन्तर्गत 650 करोड़ रूपये की लागत से देहरादून के जौलीग्रान्ट-रायपुर-सहस्त्रधारा 4 लेन (एलीवेटेड) 28 किमी मार्ग का निर्माण कार्य शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश के शहरों की यातायात सुगमता तथा जाम की समस्या के निदान के लिये मेट्रो, फ्लाई ओवर, अण्डर पास रिंग रो़ड़, एलिवेटेड रोड़ टनल निर्माण योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देहरादून में आईएसबीटी बल्लूपुर क्षेत्र में बने फ्लाई ओवरों के निर्माण से हमारा हौसला बढ़ा है। बाहरी एजेन्सी के बजाय हमारी एजेन्सी यह कार्य कर रही है। मोहकमपुर, जोगीवाला, अजबपुर में फ्लाई ओवर, डाट काली में टनल बनने से शहर का आवागमन सुचारू हो सकेगा, यही नहीं देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रूद्रपुर, कोटद्वार, पिथौरागढ़ में रिंग रोड़ व अल्मोड़ा में टनल के निर्माण से इन शहरों की यातायात समस्या का भी समाधान होगा तथा लागों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि मार्च में बजट पास होने में देरी होने कारण इन कार्यो के क्रियान्वयन में विलम्ब हुआ। हमारा प्रयास है आगामी तीनमाह में फ्लाई ओवरों व टनल का निर्माण प्रारम्भ हो जाय। उन्होंने कहा कि भविष्य के उत्तराखण्ड के लिये इस प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन जरूरी है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले लोनिवि एक साल में एक हजार करोड़ ही खर्च कर पाता था आज सड़कों, पुलों के निर्माण में विभाग 2600 करोड़ रूपये व्यय कर रहा है। लोनिवि ने सड़कों की संयोजकता को भी गति दी है विभाग द्वारा 1000 सड़कों के लक्ष्य के विपरीत 1341 सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। लोनिवि के साथ ही आरईएस व ग्राम्य विकास को भी छोटी सड़कों मेरा गांव, मेरी सड़क का कार्य सौंपा गया है। हमारा लक्ष्य 2018 तक सभी गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ना है सड़कों के लिये लोनिवि तकनीकी सहयोग भी दे रहा है। सड़के जल्दी खराब न हो इसके लिये भी नई तकनीकी का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरवीएम के जरिये सड़कों को ऊंचा करने से पानी से सड़के खराब नहीं होगी। राज्य के विकास में हम सबको राजनीतिक सहयोग व समझदारी के साथ आगे बढ़ना होगा। प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों की संख्या 1.74 लाख से 7.25 लाख हो गई है। इन पेंशन योजनाओं की राशि में पिछले दो सालों में हमने 05 गुना वृद्धि की है। हमने गैरसैंण व गांवों के विकास, स्वरोजगार के लिये मजबूत आधार तैयार किये है। अब लोग गैरसैंण व गांवों के विकास की बात कर रहे हैं। राज्य के विकास के प्रति हम रोड़ मैप के साथ आगे बढ़ रहे है। देहरादून को प्रदेश के विकास के इंजन के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी चारधाम यात्रा की सड़कें सही दशा में होने का प्रतिफल रहा कि इन क्षेत्रों में इस वर्ष लाखों की संख्या में यात्री आये तथा सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश, देश व दुनिया में पहुंचाने में हम सफल रहें हैं। चारधाम यात्रा मागों के विकास में यदि केन्द्र सरकार मदद कर रही है तो इसका स्वागत है। उन्होंने कहा कि नोटबन्दी से प्रदेश को लगभग 1000 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है।