देहरादून। शोले फिल्म का एक डायलॉग था, ‘कालिया तेरा क्या होगा ?’ पीडीएफ पर लगातार हमलों के बाद सियासी हलकों मे भी एक डायलॉग दबे स्वर में दोहराया जा रहा है, ‘किशोर अब तेरा क्या होगा।’ दरअसल माना जा रहा है कि पीडीएफ पर बढ़ती रार से कांग्रेस आलाकमान परेशान है। खबर है कि कई स्तरों पर बड़ा फेरबदल हो सकता है। किशोर की कुर्सी से लेकर प्रदेश प्रभारी तक बदले जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो तय है कि किशोर उपाध्याय के सियासी सूरज को बदलाव के बादल बुरी तरह ढक सकते हैं। क्योंकि PDF कोटे के कैबिनेट मंत्री और टिहरी विधायक दिनेश धनै ऐलान कर चुके हैं कि वे टिहरी से कांग्रेस के टिकट पर 2017 के चुनावी रण में नहीं उतरेंगे। वे अकेले फाइट करेंगे और टिहरी से ही करेंगे। अगर ऐसा है तो फिर सूबे कि सत्ता में PDF के रहमोकरम पर सरकार चला रही का्ंग्रेस क्या कदम उठाएगी। PDF से गठबंधन करेगी या PDF के उम्मीदवारों के सामने कमजोर उम्मीदवारों को उतारकर वॉकओवर देगी। या फिर कड़ा फैसले लेते हुए PDF का मुकाबला करेगी। जो परिस्थितियां बन रही हैं उसके मुताबिक अगर कांग्रेस PDF के साथ चुनाव लड़ती है तो तय है किशोर को टिहरी से टिकट नहीं मिलेगा। अगर कांग्रेस PDF को वॉकओवर देती है या किसी कमजोर उम्मीदवार को टिहरी के मैदान में उतारती है तो तय है कि कांग्रेस मे फिर बगावत होगी, और यदि कांग्रेस कड़ा मुकाबला चाहेगी तो तब टिहरी के मैदान से कांग्रेस किसे मैदान में उतारेगी और ऐसी परिस्थिति में कांग्रेस चुनावी मैदान में जनता के बीच PDF के उम्मीदवार को रकीब बताएगी या हबीब।