घनसाली- जिन पहाड़ियों के हालात सुधारने के लिए उत्तराखंड राज्य की मांग की गई थी उनकी सूरत नहीं बदली।
बल्कि पिछले सत्रह साल में जिस रफ्तार से सरकारें बदली उससे भी तेज रफ्तार से पहाड़ों की हालत खराब होती चली गई।
तलीम हो या सेहत का सवाल, कोई भी सरकार इन जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाई।हालात बद से बदत्तर होते चले गए।
जरा, टिहरी जिले की घनसाली विधानसभा क्षेत्र में चल रही मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना पर गौर कीजिए ! सरकार ने जिस निजी नर्सिंग होम को इससे जोड़ा उसे साल 2015 से अब तक का बकाया भुगतान नहीं हुआ। घनसाली बाजार के स्मृति नर्सिंग होम के संचालक की माने तो मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत उनके नर्सिंग होम का तकरीबन 8 लाख का भुगतान अब तक नहीं किया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि बिना भुगतान के पहाड़ों के छोटे-छोटे निजी अस्पताल कितने दिन जनता को सहूलियत दे पाएंगे। जरूरत है वक्त पर भुगतान करने की या फिर सरकारी अस्पतालों की सेहत दुरूस्त करने की ताकि वक्त पर जनता को सहूलियत मिल सके।
कहीं ऐसा न हो कि दूर पहाड़ो में भी किसी दिन देहरादून वाला वो मंजर देख कर सरकार को शर्माना पड़ जाए। जैसा कि राज्य स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून के रिस्पना पुल के पास वाले निजी अस्पताल में हुआ था।