चमोली। माता पूर्णािगिरी के दर्शन न करने दिए जाने के खिलाफ और मंदिर में योग्य अर्चक की नियुक्ति की मांग को लेकर ज्योतिर्पीठ के संत और शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के अधिकृत प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने उनके अनशन स्थल से बल प्रयोग कर हटा दिया है। भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ग्लूकोज देने के लिए जबरदस्ती इंजेक्शन लगाया है। हालांकि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपना आमरण अनशन जारी रखे हुए हैं। वहीं मंदिर के बाहर भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। खबरों के मुताबिक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को अब ऋषिकेश एम्स लाने की तैयारी चल रही है।
वहीं पुलिसिया कार्रवाई से स्थानीय लोगों और संतों में खासी नाराजगी व्याप्त है। लोगों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की इस कार्रवाई पर अपनी नाराजगी जताई है।
आपको बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद निर्जला एकादशी से एक दिन पहले ज्योतिर्पीठ की अधिष्ठाता देवी मां पूर्णागिरी के दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन मंदिर में ताला बंद मिलने औऱ दर्शन न करने दिए जाने से नाराज वो धरने पर बैठ गए थे।
वहीं इस मसले पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी अपनी नाराजगी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जता चुके हैं। इसके बावजूद संतों की बात नहीं सुनी गई।